28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परेशान न करें : ग्रामीण

गुमला : गुमला जिले के घोर नक्सल प्रभावित चैनपुर प्रखंड की बारडीह पंचायत के ग्रामीणों ने गुमला पुलिस से जीने का अधिकार मांगा है. ग्रामीणों ने कहा है कि हमें जीने दें. नक्सली कह कर परेशान न करे. गांव के लोग सीधे साधे होते हैं. किसी अनजान के गांव पहुंचने पर ग्रामीण मदद करते हैं. […]

गुमला : गुमला जिले के घोर नक्सल प्रभावित चैनपुर प्रखंड की बारडीह पंचायत के ग्रामीणों ने गुमला पुलिस से जीने का अधिकार मांगा है. ग्रामीणों ने कहा है कि हमें जीने दें. नक्सली कह कर परेशान न करे. गांव के लोग सीधे साधे होते हैं. किसी अनजान के गांव पहुंचने पर ग्रामीण मदद करते हैं. इसका मतलब यह नहीं हुआ कि गांव के सभी मददगार लोग नक्सली हो गये.
पंचायत के लोग बारडीह गांव के होटल संचालक बालमोहन मुंडा को पुलिस द्वारा 72 घंटे से पकड़ कर रखने से नाराज थे. सोमवार को दिन के 12 बजे मुखिया संध्या देवी के नेतृत्व में जब पंचायत के करीब 60 महिला व पुरुष एसपी के आवासीय कार्यालय पहुंचे, तो बालमोहन की सही जानकारी पुलिस द्वारा नहीं मिलने से आक्रोशित हो उठे. करीब चार घंटे तक ग्रामीण एसपी के आवासीय कार्यालय को घेर कर बैठे रहे. मुखिया संध्या देवी ने कहा कि हमलोग गांव में रहते हैं.
गांव में हर तरह के लोग आते हैं. हर कोई रास्ता पूछता है. हम रास्ता बताते हैं. प्यासे को पानी देते हैं. कोई भूखा है, तो खाना भी खिलाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं कि हम गांव वाले नक्सली हो गये. पुलिस के भी गांव पहुंचने पर हम उनका आवभगत करते हैं. इसके बाद भी हमें परेशान किया जाता है. अगर पुलिस या कोई भी बेवजह हमारे गांव के लोगों को परेशान करेगी, तो हम चुप बैठने वाले नहीं हैं.
हमें जीने दे. परेशान न करें, नहीं तो पूरा गांव सड़क पर उतर आयेगा. इधर, ग्रामीणों की मांग पर एसपी अंशुमान कुमार ने मुखिया व कुछ लोगों को अपने कार्यालय में बुला कर बात की. एसपी ने बताया कि बालमोहन को छोड़ दिया गया है. इसके बाद ग्रामीण एसपी आवास से हटे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें