गोड्डा : रोजगार की तलाश में परदेस गये सुंदरपहाड़ी प्रखंड के पोटमडीह गांव के चार आदिवासी मजदूरों का शव सोमवार को घर लाया गया. इन सभी की मौत शनिवार को सड़क दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के वर्दमान जिले मतेश्वरी थाना के कुसुम गांव में हो गयी थी. इधर, शव के पहुंचे ही गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. आसपास के लोगों की भीड़ गांव में जमा हो गयी. लोग मृतक के परिजनों को ढांढ़स बंध रहे थे. इसके अलावा सड़क दुर्घटना में अन्य आधा दर्जन मजदूर भी घायल हो गये थे. उन्हें भी गांव लाया गया है. श्रम अधीक्षक संजय आनंद शव व घायल मजदूरों को लेकर गांव पहुंचे थे.
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रोजगार की तलाश में गये थे वर्द्धमान, सड़क हादसे में मिली मौत, चार मजदूरों का शव पहुंचा
गोड्डा : रोजगार की तलाश में परदेस गये सुंदरपहाड़ी प्रखंड के पोटमडीह गांव के चार आदिवासी मजदूरों का शव सोमवार को घर लाया गया. इन सभी की मौत शनिवार को सड़क दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के वर्दमान जिले मतेश्वरी थाना के कुसुम गांव में हो गयी थी. इधर, शव के पहुंचे ही गांव में मातमी […]
20 दिन पहले गये थे मजदूरी करने : 20 दिन पहले सुंदरपहाड़ी प्रखंड के पोटमडीह गांव से दर्जनों की संख्या में आदिवासी मजदूर पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिला के कुसुम गांव धनकटनी करने के लिये गये थे. सभी शनिवार को गांव की मुख्य सड़क के किनारे धान पिटाई का कार्य कर रहे थे. इस दौरान पूर्व विधायक हिदायतुल्लाह चौधरी के पुत्र हामिद उल्लाह नशे में कार चलाते हुए आये.
रोजगार की तलाश में…
कार अनियंत्रित थी और फुटपाथ पर काम कर रहे मजदूरों को कुचल दिया. इस घटना में दो मजदूर की मौत घटना स्थल पर हो गयी. वहीं दो गंभीर रूप से घायल ने अस्पताल में इलाज के क्रम में दम तोड़ दिया. मरने वालों में फुलीन कोलीन (25), जोहानी मुर्मू (30), फतहे हांसदा (35) व कटकी राय (35)थे. इस घटना में एतबारी हांसदा, सोना कोल, डामनी मरांडी, चुड़ामनी हांसदा, सोनालाल कोल सहित आधा दर्जन मजदूर घायल हो गये. इस मामले में मतेश्वरी थाना में प्राथिमकी दर्ज की गयी है.
भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू की पहल पर आया शव
भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू को मृतक के परिजनों ने रविवार को जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने झारखंड एवं बंगाल सरकार से बात की. इसकी सूचना पर श्रम अधीक्षक संजय आनंद को दी. वे खुद सोमवार को बंगाल से शव को गोड्डा लाये. इधर, शव पहुंचने के बाद मृतक के परिजनों को सीओ जितेंद्र मंडल ने तत्काल 10-10 हजार रुपये मुखिया रोजली मुर्मू से दिलाया. सात दिनों के अंदर 10 हजार की राशि अलग से देने के साथ डेढ़ लाख रुपये भुगतान की बात कही.
मिलता मनरेगा से काम तो नहीं जाती जान
सरकार की ओर से आदिवासियों व मनरेगा मजदूरों के लिये पंचायत स्तर पर ही काम मुहैया कराया जा रहा है. बावजूद रोजगार के लिये मजदूर पलायन कर रहे हैं. पंचायतों में मनरेगा का 100 दिन का काम का दावा भी पूरा नहीं किया जा रहा है. इसका उदाहरण चार मजदूरों की बंगाल में सड़क हादसे में मौत होना है. गांव में एक साथ चार मजदूर की मौत हो जाने के बाद मृतक परिजनों का कहना था कि सभी को मनरेगा में काम मिलता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती. इधर, बीडीओ ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि पूर्व में ऐसे लोगों को काम मिला था.
दिशा की बैठक में सांसद ने उठाया था मामला
पिछले दिनों दिशा की बैठक में सांसद निशिकांत दुबे ने दो वित्तीय वर्ष में जिले के मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार देने की जानकारी मांगी थी. इसमें 35 प्रतिशत मजदूरों को रोजगार देने की बात कही गयी थी. इस पर सांसद असंतुष्ट थे.
शनिवार को नशे में पूर्व विधायक के पुत्र ने कार से रौंदा था चारों को
पूर्व मंत्री सह भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू की पहल पर शव आया गोड्डा
सीओ ने दिया 10 हजार रुपये का तत्काल मुआवजा
1.50 लाख रुपये और मुआवजा का मिला आश्वासन
सभी मजदूर 20 दिन पूर्व पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिला गये थे धनकटनी के लिये
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