गोड्डा : मध्य प्रदेश के बमुरी की लीलवार का रहने वाला अजीत पटेल था. इस हादसे में उसकी भी जान चली गयी. अजीत के दो छोटे छोटे बच्चे हैं. सदर अस्पताल में उसके पिता दिनेश पटेल, साला मुकेश कुमार, चाचा रमेश पटेल ने बताया कि अजीत पटेल को पुत्र अंश पटेल व पुत्री प्रियंका पटेल दो छोटे बच्चे हैं. दोनों बच्चों की बेहतर परवरिश अब शायद नहीं हो पायेगी. दोनों के बेहतर परवरिश के लिए ही अजीत घर छोड़कर कमाने आया था. कमा कर ताे नहीं लौटा लेकिन उसका शव गांव जा रहा है. इससे बड़ी पीड़ा और क्या हो सकती है.
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दो बच्चों के पालनहार को लील गया हादसा
गोड्डा : मध्य प्रदेश के बमुरी की लीलवार का रहने वाला अजीत पटेल था. इस हादसे में उसकी भी जान चली गयी. अजीत के दो छोटे छोटे बच्चे हैं. सदर अस्पताल में उसके पिता दिनेश पटेल, साला मुकेश कुमार, चाचा रमेश पटेल ने बताया कि अजीत पटेल को पुत्र अंश पटेल व पुत्री प्रियंका पटेल […]
जल्दबाजी में नाम पता भी सही नहीं : सदर अस्पताल में असमंजस के बीच मृतकों के परिजनों को कंपनी के लोगों द्वारा किसी तरह समझा कर शव को सौंपने का काम किया गया. दौरान परिजनों को कई तरह की बात ठीक से समझ में भी नहीं आ रही थी. एक दो मृतकों के नाम पता वगैरह को भी गलत ही लिख दिया गया था, जिसे परिजनों की ओर से दबाव देकर दुरूस्त कराने का काम किया जा रहा था.
मुआवजा की जगह थमाया कोरा चिट्ठा
सदर अस्पताल में शव सौंपने के क्रम में महालक्ष्मी कंपनी के लोग जल्दीबाजी में अपना अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए थे. कंपनी के लोगों ने मृतकों के परिजनों को इस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड के लेटर हेड में इसीएल कंपनी व सरकार द्वारा घोषित मुआवजा के कागज का टुकड़ा थमा कर भेज दिया गया है. मुआवजा तो अभी दूर की बात है जिस लेटरहेड में लिख कर दिया गया है उसमें इसीएल कंपनी का कोई मोहर तक नहीं लगा हुआ है.
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