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अब कहीं गोड्डा न बन जाये बड़कागांव
गोड्डा तथा पोड़ैयाहाट के सीओ पर लगाया 1932 के आधार पर किसानों की जमीन को एकफसली बताने का आरोप गोड्डा : झाविमो के महासचिव सह पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने शुक्रवार को अपने आवास पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में सूबे की सरकार को किसान विरोध बताया. उन्हाेंने कहा कि अडाणी पावर प्लांट के विस्थापितों को […]
गोड्डा तथा पोड़ैयाहाट के सीओ पर लगाया 1932 के आधार पर किसानों की जमीन को एकफसली बताने का आरोप
गोड्डा : झाविमो के महासचिव सह पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने शुक्रवार को अपने आवास पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में सूबे की सरकार को किसान विरोध बताया. उन्हाेंने कहा कि अडाणी पावर प्लांट के विस्थापितों को उचित मुआवाजा नहीं मिला, तो बड़कागांव के बाद गोड्डा रणक्षेत्र बनेगा.
आगे उन्होंने कहा कि किसान जान गये हैं कि सरकार उद्योगपतियों के साथ है और किसान के हितों की अनदेखी कर रही है. गोड्डा एवं पोड़ैयाहाट के सीओ पर जमीन अधिग्रहण की रिपोर्ट 1932 को आधार मानकार बनाने का आरोप लगाया और कहा कि रिपोर्ट में तीन फसल वाली जमीन को एक फसली व बंजर बताया गया है. जबकि 90 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि हैं वहीं 80 प्रतिशत में सिंचाई की सुविधा है. ऐसे गांव पेटवी, बक्सरा, बसंतपुर, रंगनिया, बलिया, सोंडीहा, समरूआ, पेटवी, मोतिया गंगटा आदि है. यहा क्षेत्र त्रिवेणी बीयर के पानी से सिंचिंत होता है.
कहा कि बंजर भूमि का मुआवजा कम है. बहुफसली का मुआवजा उससे दो गुना अधिक है.अडाणी को इससे 500 करोड़ का फायदा होगा. वहीं किसानों को प्रति एकड़ 20 से 25 लाख रुपये का नुकसान होगा. इस मामले को लेकर डीसी को आवेदन पत्र दिया गया है. इसमें पहल कर जमीन के नेचर के हिसाब से ही रिपोर्ट देने और आवश्यक कार्रवाई की मांग की गयी है. इसके अलावा जमीन के नेचर के आकलन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की मांग की गयी है. इसमें कृषि पदाधिकारी को रखने का अनुरोध किया गया है.
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