गोड्डा : 158 वां हूल दिवस पर संताल के महानायक सिदो-कान्हू और फुलो झानो की प्रतिमा माल्यार्पण किया गया. आदिवासी समुदाय ने पारंपरिक रिवाज के अनुसार पूजा-अर्चना की. इस मौके पर आदिवासियों ने मांदर की थाप पर घंटों नृत्य किया.
शहर के कारगिल चौक स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. इस दौरान जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, नगर अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह व समिति सदस्यों में अध्यक्ष भरत हांसदा की अगुवाई में दर्जनों लोगों ने माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया. यहां महिला कॉलेज की छात्राओं ने आदिवासी गीत की प्रस्तुति की. इसके पश्चात छात्राओं ने पुष्प अर्पित किया.
आदिवासी परंपरा से हुई पूजा
सदर ब्लॉक स्थित फुलो झानो प्रतिमा स्थल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां फुलो झानो स्मारक समिति गंगटा के मांझी हडाम अध्यक्ष भरत हांसदा ने आदिवासी रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना की. इस आदिवासी युवक युवतियों घंटों मांदर की थाप पर नृत्य किये.
अंगरेजों के शोषण से दिलायी मुक्ति
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि सिदो-कान्हू ने अंगरेजों के शोषण से संताल को मुक्ति दिलाने के लिए हूल का बिगुल फूंका था. सिदो-कान्हू की देन से संताल परगना को प्रमंडल का दरजा मिला है. हम सभी को आज के दिन संकल्प लेने की जरूरत है, ताकि आगे हमलोगों को शोषण से मुक्ति मिले.
आदिवासियों की जमीन हड़पने की कोशिश
समिति अध्यक्ष भरत हांसदा ने कहा कि आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों द्वारा हड़पने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए आने वाले समय में एक और हूल का बिगुल फुंकना होगा.
सदी के महानायक को सलाम
नगर अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने कहा कि सदी के महानायक सिदो-कान्हू ने संघर्ष कर आदिवासियों को शोषण से मुक्ति दिलायी. हम सभी को इनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है. संचालन समिति सदस्य कन्हाय लाल टुडू ने किया. मौके पर सचिव महेंद्र सोरेन, कोषाध्यक्ष होपना मुमरू, सुनील हांसदा, हेमलाल हेंब्रम, बलराम सोरेन, महावीर मुमरू आदि मौजूद थे.