अविनाश
गोड्डा : बच्चों के स्कूलों में ठहराव की योजना को लेकर विद्यालयों में चलायी जा रही मध्याह्न् भोजन योजना जिले में दम तोड़ रही है. जिले में कम से कम पांच सौ ऐसे स्कू ल है जहां मिड डे मिल योजना पूरी तरह ठप्प है. उन स्कूलों में जनवरी व फरवरी माह से ही यह योजना बंद पड़ी हुई है. मिड डे मील के बंद होने से बच्चों की उपस्थिति पर असर पड़ना शुरू हो गया है.
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति आधी से भी कम हो गयी है. जिले के सभी प्रखंडों में कमोबेस मिड डे मिल योजना का यही हाल है. कहीं दो माह से तो कहीं तीन माह से योजना बंद पड़ा हुआ है. हालांकि मिड डे मिल के लिये बनाये गये कोषांग का यह कहना है कि किसी भी विद्यालय में मिड डे मिल योजना बंद नहीं है. विद्यालयों में बंद यह योजना विभाग के दावे की पोल खोल रहा है.