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सभी 30 वार्ड खुले में शौच मुक्त घोषित
नगर पर्षद. शहरी क्षेत्र में 2186 स्वीकृत लाभुकों के घरों में बना शौचालय गिरिडीह : नगर पर्षद ने सभी 30 वार्डों को ओडीएफ(खुले में शौच से मुक्त) घोषित कर दिया है. इस बाबत नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार मिश्र ने नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक को […]
नगर पर्षद. शहरी क्षेत्र में 2186 स्वीकृत लाभुकों के घरों में बना शौचालय
गिरिडीह : नगर पर्षद ने सभी 30 वार्डों को ओडीएफ(खुले में शौच से मुक्त) घोषित कर दिया है. इस बाबत नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार मिश्र ने नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक को एक पत्र प्रेषित किया है.
इस पत्र में श्री मिश्र ने कहा है कि नगर पर्षद गिरिडीह के सभी वार्डों से व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिये आवदेन प्राप्त किये गये. इसे स्वीकृत करते हुए कार्यालय के ज्ञापांक (68/एसबीएम, दिनांक 03.04.17) के जरिये आम नागरिकों से दिनांक 15.04.17 तक आपत्ति-प्रतिक्रिया आमंत्रित की गयी. निर्धारित अवधि के समाप्त होने के बाद किसी भी प्रकार की आपत्ति या प्रतिक्रिया समर्पित नहीं की गयी, इसलिए नगर पर्षद गिरिडीह के सभी वार्डों को ओडीएफ घोषित किया जाता है.
अक्तूबर 2015 से शुरू हुआ अभियान : भारतीय
इधर इस बाबत स्वच्छ भारत मिशन के नोडल पदाधिकारी सह सिटी मैनेजर प्रशांत भारतीय ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण हेतु अभियान गिरिडीह शहरी क्षेत्र में अक्तूबर 2015 से शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि इस दौरान सभी 30 वार्डों से 2724 आवदेन प्राप्त हुए.
उक्त आवदेन के तहत स्थल जांच के दौरान 2186 लाभुकों के लिए शौचालय निर्माण को स्वीकृत किया गया. बताया कि वार्ड नंबर एक से तीस में 2186 लाभुकों को शौचालय निर्माण के लिए 2 करोड़ 62 लाख 32 हजार की प्रोत्साहन राशि दी गयी. श्री भारतीय ने बताया कि वार्डों को ओडीएफ बनाने को लेकर नगर पर्षद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कार्यपालक पदाधिकारी, सिटी मैनेजर, वार्ड पार्षदों, स्वयं सहायता समूह समेत पूरी नप टीम की इसमें सक्रिय भूमिका रही है.
जल्द ही दिल्ली की टीम करेगी निरीक्षण
श्री भारतीय ने बताया कि ओडीएफ को लेकर क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (दिल्ली) की टीम द्वारा जल्द ही शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया जायेगा. इससे पूर्व आंतरिक सत्यापन के लिये राज्य के विशेषज्ञ, नगर प्रबंधक, स्वयं सहायता समूह, एनएसएस, एनवाइके, वार्ड एवं स्वच्छता समिति के सदस्य को मिलाकर एक टीम गठित की जायेगी.
यह टीम शौचालय निर्माण को लेकर आंतरिक सत्यापन करेगी. इन तमाम पहलुओं की जांच के बाद क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की ओर से नगर पर्षद गिरिडीह को ओडीएफ का प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
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