मधुबन : प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में डीजीपी बोले
गिरिडीह : मधुबन के पिछड़ापन को दूर करने के लिए सबकी भागीदारी जरूरी है. डंडा से मार कर विकास को गति नहीं दी जा सकती. नक्सली भी हमारे भाई हैं, उन्हें भी मुख्य धारा से जोड़ना हमारा लक्ष्य है. विकास की चिंता को लेकर यह बातें डीजीपी डीके पांडेय ने पत्रकारों से कही.
श्री पांडेय मधुबन के समुचित विकास के लिए शनिवार को मधुबन के कल्याण निकेतन में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मैराथन बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. इससे पूर्व कल्याण निकेतन में डीजीपी की अध्यक्षता में स्थानीय संस्था के लोगों, मुखिया प्रतिनिधि के अलावा प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों के साथ भी एक बैठक हुई.
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि : उन्होंने कहा कि शिखर जी व पारसनाथ आने वाले यात्राियों की सुरक्षा सर्वोपरि है. लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा.
ऐसी बातें सामने आयी हैं कि डुमरी से मधुबन आने के क्रम में धावाटांड़ के पास आपराधिक घटना होती है. ऐसे में धावाटांड़ में कैंप लगाने की योजना है. इसके लिए गिरिडीह के डीसी व एसपी से बात हुई है. मधुबन में किसी भी समय कोई भी यात्राी आ-जा सके, ऐसी व्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि मधुबन तराई से पारसनाथ पर्वत तक की 27 किमी सड़क को दुरुस्त करने, जल संकट का निदान, पारसनाथ तराई के 35 गांवों की समस्या के निष्पादन की योजना बनायी गयी है.
मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक जरूरी : मधुबन तीर्थस्थल है और यहां पर शराब व मांस की बिक्री होती है. इस बिक्री पर रोक लगाने के लिए योजना बनायी गयी है. एक योजना है कि पुलिस जबरन इस अवैध कार्य को रोके. दूसरी योजना यह भी है कि स्थानीय लोगों के साथ विचार-विमर्श कर मांस की बिक्री पर रोक लगायी जाये. इन सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया है.