गिरिडीह. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एकता परिषद के जिला कार्यालय में बुधवार को एक कार्यशाला आयोजित हुई. इसकी अध्यक्षता बैजनाथ प्रसाद बैजू ने की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मेहनतकश मजदूर-किसान, कारीगर व कामगार महिलाओं के लिए कई कानून बनाये हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, मनरेगा, वन अधिकार अधिनियम, महिला अधिकार अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिकार अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम आदि लोगों के अधिकार व रक्षा के लिए बनाये गये हैं. दुर्भाग्य है कि केंद्र सरकार व स्थानीय प्रशासन इस पर पहल नहीं कर पा रहे. इन कानूनों को बदलने की साजिश कामयाब नहीं होने दी जायेगी. सामाजिक कार्यकर्ता सोमनाथ ने कहा कि मौजूदा सरकार गांव को खत्म कर ग्रामीणों के अधिकारों को छीनने की साजिश रच रही है. आने वाले समय में जल, जंगल, जमीन व जीविका के संसाधनों को खत्म कर नव उपनिवेशवाद स्थापित करना चाह रही है, ताकि पूंजीपतियों को सीधा लाभ मिल सके. एसआरपी विश्वनाथ सिंह व प्रखंड समन्वयक राजेंद्र वर्मा ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में नेलशन टोपनो, रामेश्वर वर्मा, रामप्रसाद राणा, दिवस कुमार, प्रकाश विश्वकर्मा, वजीर दास, नागेश्वर सिंह, मेघलाल प्रसाद वर्मा, अशोक प्रसाद वर्मा, छत्रधारी प्रसाद वर्मा, देवंती भारती, पूरन तुरी, मुरलीधर सिंह, पूनम सोरेन, हेमलाल हांसदा, किशोर मुर्मू, विवेकानंद तिवारी आदि मौजूद थे.
BREAKING NEWS
मानवाधिकार दिवस पर कार्यशाला आयोजित
गिरिडीह. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एकता परिषद के जिला कार्यालय में बुधवार को एक कार्यशाला आयोजित हुई. इसकी अध्यक्षता बैजनाथ प्रसाद बैजू ने की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मेहनतकश मजदूर-किसान, कारीगर व कामगार महिलाओं के लिए कई कानून बनाये हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, मनरेगा, वन अधिकार […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement