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दहेज हत्याकांड में एक दोषी, सुनवाई दो को
गिरिडीह : जिला व अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने दहेज हत्याकांड में मंगलवार को शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी को धारा 304बी/34 में दोषी पाया है. सजा पर अदालत दो जून को सुनवाई करेगी. मामला जमुआ थाना अंतर्गत तुर्कडीहा गांव का है. सूचक बिरनी थाना अंतर्गत मनकडीहा निवासी शेख नूर मोहम्मद […]
गिरिडीह : जिला व अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने दहेज हत्याकांड में मंगलवार को शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी को धारा 304बी/34 में दोषी पाया है. सजा पर अदालत दो जून को सुनवाई करेगी. मामला जमुआ थाना अंतर्गत तुर्कडीहा गांव का है. सूचक बिरनी थाना अंतर्गत मनकडीहा निवासी शेख नूर मोहम्मद के आवेदन पर जमुआ थाना में 01.06.2006 को मामला(कांड संख्या 104/06) दर्ज कराया गया था, जिसमें बेटी के पति शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी, ससुर बढन मलिक व भैसुर नेपाली मलिक को नामजद अभियुक्त बनाया गया.
मामले में सूचक ने कहा कि उसने अपनी बेटी अफशाना खातून की शादी घटना से छह वर्ष पूर्व तुर्कडीहा निवासी शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी के साथ की थी. शादी के बाद उसकी बेटी को रंगीन टीवी व 60 हजार रुपये नगद नैहर से मांग कर लाने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. इसी दौरान उसे सूचना मिली कि उसकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. सूचना पाकर वह तुर्कडीहा पहुंचा और जमुआ थाना में मामला दर्ज कराया. मामले में उसने कहा कि उसकी बेटी को ससुराल वालों ने जान से मार दिया और साक्ष्य छुपाने के लिए आत्महत्या का रूप दे दिया. सत्रवाद संख्या 13/07 तथा 76/07 में अदालत ने अफशाना खातून के पति शाहिद मलिक उर्फ पंजाबी को दोषी पाया, जबकि साक्ष्य के अभाव में ससुर बढ़न मलिक तथा भैंसूर नेपाली मलिक को बरी कर दिया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में आठ गवाहों का परीक्षण कराया, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा ने बहस की.
पुआल बंटवारे को ले हुई हत्या में एक दोषी
जिला व अपर सत्र न्यायाधीश (अष्टम) विनोद कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को पुआल बंटवारा को लेकर हुई हत्या में एक व्यक्ति को दोषी पाया है. सजा पर अदालत 31 मई को सुनवाई करेगी. मामला बगोदर थाना अंतर्गत अडवारा गांव का है. इस गांव में पुआल बंटवारा को लेकर मंगर मुर्मू की टांगी से मारकर हत्या कर दी गयी थी. घटना के बाद मंगर मुर्मू के पुत्र के बयान पर बगोदर थाना में मामला दर्ज किया गया था. पुत्र ने पुलिस को बताया कि 04.01.2012 को उसके पिता मंगर मुर्मू पुआल बंटवारा को लेकर तालो मांझी के पास पहुंचे. इसी दौरान दोनों में विवाद हो गया और तालो ने टांगी से उसके पिता के सर पर वार कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गयी. घटना के बाद मृतक के पुत्र के बयान पर बगोदर थाना में मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने घटना में शामिल तालो मांझी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और तालो मांझी 05.01.2012 से जेल में है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक लुकस मरांडी ने बहस की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रामाधार मिश्रा ने बहस की.
कोर्ट में उपस्थित हुए धनवार विधायक राजकुमार यादव
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी एसके महाराज की अदालत में मंगलवार को धनवार विधायक राजकुमार यादव समेत अन्य 16 लोग उपस्थित हुए. उनपर 20.07.2007 को धनवार थाना में कांड संख्या 108/07 धारा 147, 148, 149, 323, 337, 427, 353, 504, 506, 332, 448 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. यह मुकदमा धनवार प्रखंड कार्यालय के लिपिक डेगो रविदास ने किया था. उन्होंने पुलिस को दिये आवेदन में कहा कि उक्त तिथि को माले नेताओं ने धनवार प्रखंड कार्यालय में घुसकर लिपिक व अनुसेवक के साथ धक्का-मुक्की तथा मारपीट की थी और कार्यालय की कुर्सी को तोड़कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचायी थी. इस मामले में विधायक के अधिवक्ता चुन्नूकांत का कहना था कि इस केस का समर्थन किसी भी गवाह ने नहीं किया है. इस मामले में अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 20 जून को निर्धारित की है.
दहेज प्रताड़ना के मामले में पति बरी
जिला व अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) रमेश चंद्रा की अदालत ने दहेज प्रताड़ना के मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद छोटू दास को सभी धाराओं में निर्दोष पाकर मंगलवार को बरी कर दिया है. यह मामला तिसरी थाना अंतर्गत नईटांड़ गांव का है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता रंजीत कुमार वर्मा ने बताया कि छोटू दास पर पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगा था. इसके बाद उसपर पत्नी को जहर पिलाकर हत्या कर देने का आरोप लगा. घटना के बाद सूचक मृतका के भाई जमुआ थाना अंतर्गत बंशीडीह निवासी शुकदेव दास के बयान पर तिसरी थाना में कांड संख्या 70/09 के तहत 30.11.2009 को मामला दर्ज कराया गया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री वर्मा ने बताया कि घटना के बाद धारा 302/498ए/306 भादवि में सूचक, चिकित्सक व अनुसंधानकर्ता समेत दस गवाहों का परीक्षण अदालत में कराया गया. इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद छोटू दास को सभी धाराओं में निर्दोष पाकर बरी कर दिया. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता परवेज आलम ने बहस की.
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