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रूढ़िवाद को तोड़ बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि
गिरिडीह : समाज में आज भी कई ऐसी परंपराएं और रूढ़ीवाद हावी है, जो बेटे और बेटी में फर्क करता है. ऐसी परंपराओं के खिलाफ लोग जागरूक भी हो रहे हैं. ऐसी ही रूढ़ीवादी परंपरा को तोड़ समाज को नया संदेश दिया है गिरिडीह की मीनाक्षी मोदी ने. बेंगलुरू में एमबीए की पढ़ाई कर रही […]
गिरिडीह : समाज में आज भी कई ऐसी परंपराएं और रूढ़ीवाद हावी है, जो बेटे और बेटी में फर्क करता है. ऐसी परंपराओं के खिलाफ लोग जागरूक भी हो रहे हैं. ऐसी ही रूढ़ीवादी परंपरा को तोड़ समाज को नया संदेश दिया है गिरिडीह की मीनाक्षी मोदी ने. बेंगलुरू में एमबीए की पढ़ाई कर रही मीनाक्षी ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर बेटी होने का फर्ज निभाया.
बता दें कि गिरिडीह के गांधी चौक के पास मारवाड़ी बासा(होटल) चलाने वाले लड्डू गोपाल(55) का निधन सोमवार को हो गया. पिता की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी छोटी बेटी मीनाक्षी मंगलवार को बेंगलुरू से पहुंची और पिता को मुखाग्नि देने की इच्छा जाहिर की. इसके बाद समाज के लोगों ने बेटी के इस फैसले का साथ दिया. रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव राकेश मोदी ने बताया कि स्व. लड्डू गोपाल को तीन बेटियां ही हैं.
बेटा नहीं रहने के कारण परिवारवालों को को यह चिंता सता रही थी कि आखिर पिता को मुखाग्नि कौन देगा. ऐसे में जब मीनाक्षी ने पिता को मुखाग्नि देने की इच्छा जतायी तो सभी ने इसका स्वागत किया. स्व. गोपाल की दो बेटियों की शादी हो चुकी है. मीनाक्षी के इस कार्य से पूरा मारवाड़ी समाज गौरवान्वित है.
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