मलेरिया से आदिम जनजाति के तीन बच्चों की मौत
रंका(गढ़वा) : गढ़वा के रंका प्रखंड के कटरा गांव में शनिवार की शाम मलेरिया से आदिम जनजाति के तीन बच्चों की मौत हो गयी़ जबकि छह बच्चे बीमार है़ं मृत बच्चों में देवनारायण कोरवा की दो पुत्री गीता कुमारी (11,मनीता कुमारी (6) व राजकुमार कोरवा के पुत्र नितिश कोरवा(डेढ़ वर्ष) के नाम शामिल है़ं रविकिशन कोरवा(6), अर्जुन कोरवा(6), पिंकी कोरवा(6), लक्ष्मी (9), प्रियंका (7) बीमार है़ं ग्रामीणों ने बताया कि गांव में डीडीटी का छिड़कावनहीं होता है. चिकित्सक भी नहीं आते. उचित इलाज के अभाव में लोग मरने को विवश हैं.
मृतका गीता व मनीता के पिता देवनारायण कोरवा ने बताया कि दोनों बच्चियों को मंगलवार को बुखार आने पर रंका ले गये. वहां रक्त जांच कराने पर दोनों में मलेरिया पाया गया़ गरीबी के कारण वह बेटियों को बेहतर इलाज के लिए बाहर नहीं ले जा सके. इस कारण शनिवार दोपहर में बड़ी पुत्री गीता ने दम तोड़ दिया़ उसका अंतिम संस्कार कर जब शाम को घर लौटा तो देखा कि छोटी बेटी मनीता की मौत हो गयी थी.
इलाज में हुई देर, पुत्र की मौत, दूसरा गंभीर : वहीं मृतक नितिश कोरवा के पिता राजकुमार कोरवा ने बताया कि उसके दोनों बच्चे को मंगलवार से ही बुखार से था. पैसे की तंगी के कारण वह इलाज नहीं करा पा रहा था. पत्नी ललिता देवी को जब बच्चों की तकलीफ नहीं देखी गयी तो वह दोनों बीमार बच्चों को लेकर मायके पैसा लाने गयी. मायके से पैसे का जुगाड़ कर मेदिनीनगर सदर अस्पताल पहुंची, जहां इलाज के क्रम में नितिश की मौत हो गयी. वहीं दूसरे पुत्र रविकिशन का इलाज चल रहा है.
डॉक्टर को गांव भेजे हैं : सीएस
प्रभारी सीएस डॉ विंदेश्वर रजक ने बताया कि जानकारी मिलने पर डॉ रामाशीष चौधरी को प्रभावित गांव में भेजा गया है़ उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही वे इस मामले में कुछ कह सकते है़ं
धुरकी में 10 दिन में पांच
बच्चों की हो चुकी है मौत
जिले के आदिम जनजाति बहुल धुरकी प्रखंड के करवा पहाड़ गांव में बीते एक सप्ताह में पांच बच्चों की मौत मलेरिया से हो चुकी है़ ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टर गांव में नहीं आते हैं न ही डीटीटी का छिड़काव होता है.