पुरुषों का पलायन, महिलाएं भी जुटी रोटी की जुगाड़ में
– अनूप जायसवाल –
धुरकी (गढ़वा) : धुरकी प्रखंड के लगभग एक दर्जन गांव के लोग रोजगार के तलाश में पलायन कर चुके हैं. कई घरों में ताला लटका हुआ है. वहीं बाकी बचे घरों की महिलाएं जंगल से वनतुलसी काट कर उसका बीज बेच कर बच्चों का भरण-पोषण कर रही हैं.
इसमें घर के बच्चे भी इनका सहयोग कर रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2012-13 में प्रखंड में एक भी योजना स्वीकृत नहीं हुई.
पलायन करनेवाले अधिकतर लोग जॉब कार्डधारी मजदूर हैं. जंगल में तुलसी काट रही खुटिया गांव के आदिम जनजाति की महिला सोनिया देवी, कलावती देवी, शकुंती देवी, मुनिया देवी, बसंती देवी ने इस प्रतिनिधि को बताया कि घर से सभी पुरुष लोग कमाने गये हैं. उनके पास खाने के लिए न तो अनाज है और न ही कहीं कोई काम है.
इसलिए वे दिन भर तुलसी के पौधे काट कर घर लाती है. फिर उसे सुखा कर, पीट कर उसका बीच निकाल कर बाजार में बेचती है. तब जाकर उनके घर का चूल्हा जलता है.