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अपर समाहर्ता करेंगे जांच

गढ़वा : जिले में लघु उद्योग चलाने के नाम पर व्यापक पैमाने पर कोयला घोटाले की शिकायतों के आलोक में झारखंड राज्य खनिज निगम ने मामले की सघन जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. जिला प्रशासन को भेजे गये इस निर्देश के आलोक में अपर समाहर्ता (एसी) को जांच के लिए अधिकृत किया गया […]

गढ़वा : जिले में लघु उद्योग चलाने के नाम पर व्यापक पैमाने पर कोयला घोटाले की शिकायतों के आलोक में झारखंड राज्य खनिज निगम ने मामले की सघन जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. जिला प्रशासन को भेजे गये इस निर्देश के आलोक में अपर समाहर्ता (एसी) को जांच के लिए अधिकृत किया गया है.

गौरतलब है कि इस प्रकार के कोयला घोटाले की जांच पहले भी की गयी थी, जिसमें अनियमितता का मामला सही पाया गया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. बावजूद इसके एक नयी जांच का आदेश प्राप्त हुआ है. समाचार के अनुसार जिले में आधा दर्जन से अधिक कथित रूप से फरजी लघु उद्योग चलाने के नाम पर सैकड़ों टन कोयला मंगाया जाता है, लेकिन धरातल पर किसी प्रकार का लघु उद्योग नहीं चलने के कारण इस कोयला की कालाबाजारी हो जाती है.

इसका खुलासा वर्ष 2013 में रंका एसडीओ द्वारा की गयी जांच के बाद हुआ था. एसडीओ ने रंका के हीरामोती उद्योग, चेरो इंटरप्राइजेज एवं कोयल इंटरप्राइजेज को प्राप्त होनेवाले कोयला की जांच की थी. जांच में उन्होंने यह पाया था कि उक्त संस्थानों को लघु उद्योग के नाम पर प्राप्त होनेवाला कोयला यहां उपलब्ध नहीं है. उन्होंने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट में पत्रंक 886 दिनांक 27 सितंबर 2013 के माध्यम से मामले के दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए कोयला आवंटन पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी के पत्रंक 50 दिनांक 16 जनवरी 2014 में भी इसी आशय का प्रतिवेदन दिया गया था.

बताया गया कि इस जांच रिपोर्ट पर किसी प्रकार की कार्रवाई के बावजूद गढ़वा उद्योग केंद्र एवं हीरामोती उद्योग केंद्र को 300-300 टन तथा चेरो इंटरप्राइजेज एवं कोयला इंटरप्राइजेज को 260-260 टन कोयला आवंटित किया गया था. इसके अलावा नगरऊंटारी में मनु इंटरप्राइजेज नामक संस्थान को भी लघु उद्योग के नाम पर कोयला आवंटित किया जाता है. लेकिन नगरऊंटारी के इस संस्थान के विरुद्ध किसी प्रकार की जांच नहीं हो पायी थी. एक तरफ पूर्व में की गयी जांच पर संबंधित विभाग द्वारा कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गयी, जबकि दूसरी तरफ पुन: इस मामले के जांच के आदेश जिला प्रशासन को दिये गये हैं.

इस संबंध में झारखंड राज्य खनिज निगम से जांच के मिले निर्देश के बारे में अपर समाहर्ता संजय कुमार ने कहा कि निगम द्वारा इस मामले में जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं. लेकिन रंका एसडीओ के रूप में उनके द्वारा पूर्व में की गयी जांच के बाद दी गयी रिपोर्ट के बारे में उन्होंने खुलासा करने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वे अपनी जांच रिपोर्ट संबंधित पदाधिकारी को दे चुके हैं.

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