डॉक्टर राधाकृष्णन एक शिक्षक के साथ साथ उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रूप में भी अपने कर्तव्यों का बेहतर तरीके से निर्वह्न किया. आज उनके जन्मदिन पर हमें उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि गुरु और शिष्य के संबंधों को छात्र व शिक्षक वर्तमान परिवेश में सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं.
इस पवित्र संबंधों को और मजबूत करना होगा तथा छात्रों द्वारा शिक्षकों के प्रति आदर व शिक्षकों को छात्रों के प्रति स्नेह की भावना को प्रदर्शित करना होगा. तभी हम डॉ राधाकृष्णन को सही मायने में श्रद्धांजलि दे पायेंगे. विद्यालय के प्राचार्य शालिग्राम पांडेय ने कहा कि डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्मदिन पर हमसबों को उनके आदर्शों को आत्मसात करना होगा, तभी इस तरह के आयोजन की सार्थकता पूरी होगी. मौके पर प्रवीण प्रभाकर, विजय कुमार चौबे सहित विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.