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मुआवजा के भुगतान के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने देंगे

खजूरी डैम के जीर्णोद्धार को लेकर संवेदक से विवाद, रैयत बोले गढ़वा : गढ़वा जिले के मझिआंव प्रखंड अंतर्गत स्थित खजूरी मध्यम सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार का काम शुरू करने के दौरान संवेदक एवं रैयतों के बीच तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है़ खजूरी वर्ष 1987 में स्वीकृत खजूरी मध्यम सिंचाई योजना में इस […]

खजूरी डैम के जीर्णोद्धार को लेकर संवेदक से विवाद, रैयत बोले
गढ़वा : गढ़वा जिले के मझिआंव प्रखंड अंतर्गत स्थित खजूरी मध्यम सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार का काम शुरू करने के दौरान संवेदक एवं रैयतों के बीच तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है़
खजूरी वर्ष 1987 में स्वीकृत खजूरी मध्यम सिंचाई योजना में इस समय स्पीलवे का दीवार तोड़कर जीर्णोद्धार के लिए निविदा निकाली हुई है़ 2.04 करोड़ रुपये की लागत से यह जीर्णोद्धार कार्य शुरू करना है़ लेकिन उक्त योजना के प्रभावित किसान अपने मुआवजा के भुगतान करने के बाद जीर्णोद्धार कार्य शुरू करने की मांग कर रहे है़ं इस बीच संवेदक द्वारा प्रभावितों को मोबाइल से धमकी दिये जाने के आरोप है़ं इस संबंध में डैम से प्रभावित परिवार के पद्मभूषण पाठक, चित्रांगद पाठक, फूलेश्वर चौधरी द्वारा गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी को लिखित आवेदन देते हुए जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगायी गयी है़
संवेदक व रैयतों के बीच तनातनी से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है़ आवेदन में प्रभावितों ने कहा है कि खजूरी मध्यम सिंचाई योजना के लिए उनलोगों की रैयती जमीन अधिकृत की गयी है़ इसके मुआवजे का भुगतान अबतक बाकी है़, लेकिन मुआवजे के भुगतान के प्रयास करने के बजाय लघु सिंचाई प्रमंडल गढ़वा के कार्यपालक अभियंता संवेदक के साथ मिलकर एक षड्यंत्र के तहत उनकी रैयती जमीन पर निर्माण कार्य जारी रखने पर आमदा है़
रैयतों का कहना है कि मुआवजा का भुगतान नहीं होने को लेकर उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था, जिसके आलोक में उच्च न्यायालय ने डब्ल्यूपीएचसीओडी नंबर-11113/2002 के आदेश में स्पष्ट रूप से यह कहा है कि जबतक मुआवजे का भुगतान नहीं किया जाता, कार्य स्थगित रहेगा़ लेकिन इसके बाद भी संवेदक द्वारा बलपूर्वक कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है़ उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कार्य स्थगित रखने की बात कही तो संवेदक नवनीत कुमार मेहता ने अपने मोबाइल 8084496992 से पद्मभूषण पाठक के मोबाइल 9931144769 पर 12 जुलाई की रात 8.32 बजे धमकी दी कि यदि काम रोकवाने का प्रयास करोगे, तो पूरे परिवार को तहस-नहस कर देंगे़
इसके बाद गुरुवार की सुबह सात बजे पुन: चार अज्ञात व्यक्ति उनके घर आकर धमकी दिये कि चुपचाप घर में बैठो अन्यथा जान मारकर फेंक देंगे़ आवेदकों ने अनुमंडल पदाधिकारी से जानमाल के सुरक्षा की गुहार लगायी है़
रैयतों ने कहा कि इसके पूर्व उन्होंने लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं गढ़वा उपायुक्त को भी आवेदन देकर यह कहा है कि काम शुरू करने के पूर्व उनके मुआवजे का भुगतान किया जाये़ आवेदकों ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा जो भूमि अधिग्रहित की गयी है कि उसके सारे कागजात उनके पास है़ लेकिन भू अर्जन विभाग से अज्ञात झारखंड सरकार दर्शाता है, उन्होंने उपायुक्त से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने एवं मुआवजा भुगतान करने की मांग की है़
गौरतलब है कि खजूरी मध्यम सिंचाई योजना का शिलान्यास वर्ष 1987 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दूबे ने किया था़ तब से इस डैम के निर्माण कार्य में काफी शिथिलता रही़ इसमें मुआवजे के भुगतान को लेकर ज्यादा दिनों तक काम बाधित रहा़ इसके कारण आज भी डैम का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पाया है़ डैम के नहर का कार्य अभी भी लंबित है़ इस बीच डैम के जर्जर होकर उसके बीच से पानी का रिसाव होने के कारण उसके नीचे बसे ग्रामीणों को काफी क्षति उठानी पड़ते रही है़ पिछले साल ग्रामीणों को डैम के टूटने के भय से बगल के पहाड़ी पर शरण लेना पड़ा था़
इस बीच साल 2017 में झारखंड सरकार के जलसंसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी एवं स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने डैम स्थल पर एक सभा कर लंबित नहर के कार्य सहित मुआवजे के भुगतान को लेकर भी ग्रामीणों को आश्वासन दिया था़ लेकिन इसके बावजूद मुआवजे का भुगतान अभी तक लंबित रह गया है़
रैयतों का कहना है कि साल 2013 में उन्हें आंशिक मुआवजे का भुगतान किया गया, वह भी साल 2002 की दर के हिसाब से़ इसके कारण एक तो उन्हें कम भुगतान किया गया और दूसरी ओर शेष भूमि के भुगतान के लिए अभी तक वे प्रशासनिक कार्यालयों में चक्कर लगा रहे है़ं इस बीच मुआवजा का मामला सुलझाये बिना पुन: डैम के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करने की कोशिश की जा रही है़

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