दुमका : वीसी प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा है कि एसपी कॉलेज संतालपरगना ही नहीं इस क्षेत्र का गौरवशाली संस्थान रहा है. इसकी पहचान और विशिष्टाताओं को यहां के शिक्षक-कर्मचारी तथा छात्र-छात्रायें बचाये रखें. शिक्षक समर्पित होकर पठन-पाठन करायें. शोध को बढ़ावा दें. छात्रों को रचनात्मक गतिविधि से जोड़े. अपनी और छात्रों की मानसिकता को बदलें. अभिनंदन समारोह में वीसी ने एसपी कॉलेज के शिक्षकों की प्रशंसा की और कहा कि आज सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की पहचान बनाने व अस्तित्व में लाने में एसपी कॉलेज की भूमिका रही है.
उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे सत्र को नियमित करने में सहयोग करें. इसके लिए गरमी की छुट्टियों में भी वर्ग लेने की जरुरत पड़ें तो लें. उन्होंने प्राचार्य डॉ गगन कुमार ठाकुर के प्रस्ताव पर सिदो कान्हू पर फिल्म बनाने के लिए फिल्म निर्माता प्रकाश झा से बातचीत की पहल को सराहा तथा कहा कि इस दिशा में वे आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि संताल अकादमी को सक्रिय करना और हूल दिवस पर कार्यक्रम को विस्तार देने की कवायद भी इसी का हिस्सा है, ताकि दुनिया इन महापुरुषों के बलिदान को जाने.
इससे पूर्व प्राचार्य गगन कुमार ठाकुर ने संताल साहित्य व संस्कृति को बढ़ाने की दिशा में की जा रही पहल से अवगत कराया. प्रो अमरनाथ झा, सुमित्रा हेंब्रम ने भी अपनी बात कही. विवि विकास पर्षद जैसी संस्था बनाने पर जोर दिया, ताकि शिक्षक, कर्मचारी, छात्र, अभिभावक और समाज मिलकर विवि के विकास पर बल दे सकें. स्कमूस्टा की ओर से संजीव कुमार सिंह ने कहा कि एसपी कॉलेज उतना संसाधन विहीन नहीं है, कई भवन विवि उपयोग में ला रही है. बड़ी जमीन विवि की सेवा में चला जा रहा है. शिक्षक भी विवि में पदाधिकारी बनाये गये हैं. स्कमूटा की ओर से संतोष कुमार शील ने शिक्षक-कर्मचारियों की कमी पर वीसी का ध्यानाकृष्ट कराया. इसके पूर्व वीसी ने कॉलेज के संस्थापक सह प्रथम सांसद लाल हेंब्रम की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा श्रद्धापुष्प अर्पित की.
स्वागत भाषण प्रो प्रशांत ने दिया और एसपी कालेज के इतिहास पर चर्चा की. मंच संचालन डॉ धनंजय मिश्रा ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रो अच्युत चेतन ने किया. समारोह में डॉ पीके घोष, डॉ सुरेंद्र झा, डॉ राजेंद्र पांडेय, डॉ एलके पांडेय, डॉ अजय सिन्हा, डॉ गोपाल कुमार सिंह, डॉ शंभु कुमार सिंह, इंद्रनील मंडल, केबी टोप्पो, एसएल बौंडिया, प्रो अमिता कुमारी, प्रो शर्मिला सोरेन, डॉ पूनम हेंब्रम, डॉ रंजना त्रिपाठी आदि मौजूद थे.