बासुकिनाथ : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मो गाजिम हुसैन की शहनाई धुन के बीच भगवान शिव एवं माता पार्वती का विवाह एवं मर्याद का रस्म पुरा होता है. शहनाई की धुनों के बीच मंदिर प्रांगण में शिवभक्त मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. मो गाजिम हुसैन मूलत: बनारस के रहनेवाले हैं. शहनाई वादन के बीच भगवान शिव-पार्वती का विवाह व मर्याद संपन्न होता है. मो गाजिम बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर पिछले 32 वर्षों से लगातार आ रहे हैं.
पहले वे अपने पिता हूसैन सहाब के साथ आते थे. अब अपने बैटे समशीर अब्बास व साहिर अब्बास के साथ मंदिर पहुंचते हैं. गाजिम हुसैन की सुरीली धुन व मकई हुसैन के तबला वादन का श्रद्धालु झूमने पर विवश हो जाते हैं. मो गाजिम ने बताया कि पैसे कमाने के उद्देश्य से वह यहां नहीं आते जबकि बाबा फौजदारीनाथ की भक्ति यहां खींच लाती है. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वे देवघर में शहनाई वादन करते रहे हैं. पंद्रह वर्ष के उम्र से शहनाई वादन करने वाले गाजिम हुसैन सभी धर्मों को एक मानते हैं.