दुमका : एसीजेएम कोर्ट ने महिला प्रताड़ना और दहेज उत्पीड़न मामले में दाखिल अग्रिम जमानत की अर्जी को नामंजूर करते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर के कनीय विद्युत अभियंता सुरेन्द्र प्रसाद साह को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. दुमका के बघनोचा राखाबनी की जूही कुमारी ने 31 अगस्त 2016 को भादवि की धारा 498(ए), 420, 34 और 3/4 दहेज प्रतिरोध अधिनियम के तहत पति के अलावा ससुर विश्वनाथ साह और सास गीता देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी थी.
प्राथमिकी के मुताबिक जूही और सुरेन्द्र की शादी 11 मार्च 2015 को शिवपहाड़ मोहल्ले में रहने वाले जेइ सुरेन्द्र साह से हुई थी. जिसमें घरवालों ने 15 भर जेवर, एलसीडी टीवी, लैपटॉप देने समेत 16 लाख रुपये खर्च किये पर 6-7 माह के बाद 4 लाख दहेज की मांग को लेकर उसे पति ने मारपीट शुरू कर दिया. 27. 07. 2016 को जब वह चक्रधरपुर स्थित पति के रेलवे क्वाटर पहुंची तो पति ऑफिस का बहाना बना कर घर से निकल गया. पता चला कि उसने उसी दिन से छुट्टी ले लिया.
एक सप्ताह वहां रहने के बाद वह वापस लौट गयी. बता दें कि दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर दुमका के पीडीजे कोर्ट ने इस मामले में सास और ससुर को अग्रिम जमानत दे दी थी. जेई सुरेन्द्र कुमार साह ने उसके माता और पिता को कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत दिये जाने, उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाये जाने के आधार पर अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी.