दुमका : उपराजधानी दुमका के गांधी मैदान में आयोजित झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में झाविमो के दो दिवसीय महाधरना के अंतिम दिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि झारखंड आज जिस रास्ते पर जा रहा है, उसे देख कर व सुन कर पीड़ा होती है, चिंता होती है.
क्या इसी दिन के लिए झारखंड अलग हुआ था कि यहां के आदिवासी व मूलवासियों के हितों की रक्षा भी न हो सके. भाजपा सरकार की नीतियों के कारण झारखंड के लोगों के मन में आक्रोश पैदा हो रहा है. कोई आवाज उठाता है, तो सरकार गोलियां चलवाती है. सरकार को लोगों की बात सुननी चाहिए, क्योंकि अब जनता जग गयी है. कोई रोकने से रुकने वाला नहीं है. ये आदिवासियों-मूलवासियों के दिल की आवाज है. गोलियों से यह आवाज रुकने वाली नहीं है.
आंदोलन को समर्थन देने आये हैं : जितनी दौलत प्रकृति ने झारखंड को दी है, उतनी कहीं नहीं है. यहां के आदिवासी-मूलवासी काफी मेहनती और ईमानदार हैं. मेहनत के बल पर आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन भाजपा की सरकार उनके हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है.
गोलियों से नहीं दबा सकते…
जब तक इन आदिवासी-मूलवासी के मूल हितों की रक्षा नहीं होगी, विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इनके हितों की कीमत पर विकास मंजूर नहीं है. इसलिए बाबूलाल मरांडी ने इनके हितों की रक्षा और झारखंड को बचाने के लिए जो आंदोलन तेज किया है, वह उसका समर्थन करने आये हैं.
देश में कहीं भी किसी को रहने का हक : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा : देश में कहीं भी किसी को रहने का अधिकार है. आदिवासी-मूलवासी के मूल हितों की रक्षा हो, इसका मतलब यह नहीं है कि वे झारखंड में रह रहे अन्य लोगों के खिलाफ हैं. जो झारखंड में बस गये हैं, उनका भी उतना ही अधिकार है. जिन आदिवासी-मूलवासियों का अधिकार जल, जंगल और जमीन पर है, उसे छीनने का हक किसी को नहीं है. लोगों की सहमति के बिना जमीन लेने पर सरकार आमादा है. सरकार किसानों, आदिवासियों व मूलवासियों से टक्कर ले रही है और गले मिल रही है कॉरपोरेट घरानों से.
चंद उद्योग लग जाने से विकास नहीं : उन्होंने कहा कि एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संशोधन कर सरकार चंद औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है. सिर्फ चंद उद्योग लग जाने को विकास नहीं कह सकते. घर-घर तक विकास की किरण पहुंचानी होगी. सीएम नीतीश ने कहा कि हम सिर्फ विकास की नहीं, न्याय के साथ विकास की बात करते हैं. सबको साथ लेकर विकास हो, लेकिन झारखंड में कुछ अलग ही हो रहा है. किसी भी कीमत पर एसपीटी-सीएनटी एक्ट में छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
पहाड़ की रक्षा भी नहीं कर पा रही सरकार
सीएम नीतीश ने कहा : संताल परगना का इलाका राजमहल की पहाड़ियों का इलाका है. यहां बेशकीमती पत्थर हैं. इसका भी सौदा सरकार कर रही है. पहाड़ तक की रक्षा यह सरकार नहीं कर पा रही है. पर्यावरण के सबसे बड़े मित्र आदिवासी ही हैं.
लोगों की आवाज बन चुके हैं बाबूलाल
उन्होंने पूर्व सीएम व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह से वे लोगों की समस्या को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं. कोई मसला होता है झारखंड हित में वे आंदोलन कर रहे हैं. लोगों की आवाज बन चुके हैं. और अब उन्हें कोई नहीं रोक सकेगा. उन्होंने कहा कि मरांडी जी के नेतृत्व में ही झारखंड नंबर-वन राज्य बनेगा.
मूल हितों की रक्षा नहीं होगी तो विकास संभव नहीं, झारखंड के चेहरे हैं आदिवासी व मूलवासी
शराबबंदी सामाजिक काम है : नीतीश
नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी पर चर्चा करते हुए कहा कि शराबबंदी राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. यह सामाजिक काम है. इसलिए शराबबंदी को झारखंड में भी लागू करना चाहिए. श्री कुमार ने कहा कि वे जब भी शराबबंदी की बात करते हैं तो यहां के सीएम चिढ़ जाते हैं. लेकिन वह बिहार का नहीं, तो कम से कम गुजरात का तो अनुशरण करें.
झारखंड में नहीं बचा लोकतंत्र : बाबूलाल
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है. राज्य में लोकतंत्र नाम की चीज ही नहीं बची है. इसलिए ऐसी भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने तक आंदोलन जारी रहेगा. इस सरकार में लोग अपनी आवाज उठाते हैं तो उन पर गोलियां चलायी जा रही है. धमकाया जा रहा है. जमाबंदी जमीन का लैंड बैंक तैयार करके कॉरपोरेट घरानों को जमीन देने की साजिश हो रही है.
सरकार के मन में खोट : बाबूलाल ने कहा कि एसपीटी-सीएनटी एक्ट के रहते भी राज्य में विकास के काम हुए हैं. कहीं कोई बाधा पहले नहीं आयी. लेकिन रघुवर सरकार ने कॉरपोरेट घराने के लिए गुपचुप तरीके से एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संसोधन करके आदिवासियों व मूलवासियों की जमीन छीनने की साजिश की है. अब कहते हैं कि इससे आदिवासी के हित में है संशोधन. लेकिन सरकार के मन में ही खोट है. यदि ऐसा नहीं होता तो सरकार इस बिल को विधानसभा में लाती, उस पर चर्चा करवाती. सबों की राय ली जाती.
झारखंड में नहीं बचा…
लेकिन सीधे अध्यादेश लाना और राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को भेज देना, सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है. इन लोगों ने स्थानीयता की जो परिभाषा बिहार में था, उसे बदल दिया. इस कारण थर्ड व फोर्थ ग्रेट की नौकरी से भी यहां के आदिवासी-मूलवासी वंचित हो रहे हैं. इसलिए यह संशोधन वापस हो, वरना इसका विरोध पूरे झारखंड में होगा. श्री मरांडी ने कहा पीएस से सीएम तक झूठी घोषणाएं करते हैं. कहते कुछ हैं करते कुछ हैं. विश्वनीय नहीं रही भाजपा सरकार. आज देश को नीतीश जैसे विश्वनीय नेता की जरूरत है. इसलिए राज्य ही नहीं देश से भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें.
कार्यक्रम को झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव, वरीय नेता डॉ सबा अहमद, प्रदेश जदयू अध्यक्ष जलेश्वर महतो, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, पूर्व मंत्री रामचंद्र केशरी, नुनलाल मरांडी, शहीम खान सहित कई नेताओं ने संबोधित किया. इस अवसर पर मंच पर बिहार के मंत्री जय कुमार सिंह, मंत्री श्रवण कुमार, विधायक मनीष चौधरी, विधायक गिरधारी यादव, पिंटू अग्रवाल, खालिद खलील सहित कई नेता मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता झाविमो दुमका जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह बिट्टु ने और संचालन केंद्रीय समिति सदस्य पारितोष सोरेन ने किया.
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