दुमका : न्यायिक दंडाधिकारी अनिल कुमार के न्यायालय ने बुधवार को हत्या के एक मामले में जामा से गिरफ्तार प्रमोद राउत को जमानत दे दी. जामा थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह की लापरवाही से हत्या के इस आरोपी को अदालत से जमानत मिल गयी. जामा थाना कांड संख्या 130/13 में भादवि की दफा 302 के तहत प्रमोद राउत को सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत जमानत पर छोड़ना पड़ा. इस कांड के अनुसंधान कर्ता जामा थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह खुद थे.
आरोपी प्रमोद राउत को 17 अक्तूबर 2013 को ही गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया गया था. गिरफ्तारी के 100 दिनों के बाद भी अनुसंधान कर्ता अनुसंधान नहीं कर पाये और आरोपी के विरुद्ध चार्ज शीट दाखिल नहीं किया. अधिवक्ता सोमा गुप्ता द्वारा न्यायालय में दाखिल जमानत पत्र पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये.
सुनवाई के समय न्यायालय में अनुसंधान कर्ता एसआइ संजय कुमार सिंह उपस्थित तो हुये लेकिन, केस डायरी और चार्ज शीट नहीं दी.
क्या है सीआरपीसी की धारा 167 (2)
कोई भी मजिस्ट्रेट अभियुक्त को इस धारा के अधीन अभिरक्षा में 90 दिन से अधिक निरोध नहीं कर सकता है. जिसमें अन्वेषण मृत्यु दंड, आजीवन कारावास अथवा 10 वर्ष से अधिक के कारावास से दंडनीय अपराध के लिये हो. अन्य अपराध के लिए यह सीमा 60 दिन के लिए ही तय है.