दुमका कोर्ट : एफसीआइ में नौकरी दिलाने के नाम पर दो युवकों से 6 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. मामले को लेकर ठगी के शिकार दोनों युवकों ने सीजेएम न्यायालय में दो अलग-अलग पीसीआर दाखिल कर न्याय की गुहार लगायी है. शिवपहाड़ निवासी प्रणव कुमार पाठक ने गांधीनगर के प्रह्लाद दास के विरुद्ध पीसीआर दाखिल कर कथित तौर पर आरोप लगाया गया है कि पोखरा स्थित मोबाइल दुकान पर काम कर रहा था.
15 जनवरी 2015 को प्रह्लाद दास दुकान पर आया और उसने खुद को एफसीआइ का सेवानिवृत कर्मी बताया. साथ ही उसने यह भी बताया कि उसका विभाग में अच्छी पकड़ भी है. उसने प्रणव को 5 लाख रुपये में एफसीआइ में नौकरी दिला देने की बात कही और यह भी कहा कि पहले उसे 2.5 लाख रुपये देने हैं, जबकि शेष नियुक्ति पत्र मिलने के बाद. नौकरी के लालच में प्रणव उसके झांसे में आ गया और 3.5 लाख रुपये जुटा कर उसने दे दिये. नवंबर 2015 में नियुक्ति पत्र मिलना था, जब उसने नियुक्ति पत्र की मांग की, तो उसने कहा कि उसके रुपये उसने किसी निजी कार्य में खर्च कर दिये हैं. अब प्रणव को उसने पैसे वापस कर देने की बात कही, लेकिन जब प्रणव ने उस पर दवाब डाला, तो एक चेक काट दे दिया. जो बैंक में बाउंस हो गया. तब उसने न्यायालय की शरण ली. वहीं दूसरा युवक शहर के नापितपाड़ा का रहने वाला मनीष कुमार रक्षित है. मनीष ने 2.5 लाख रुपये की ठगी के मामलों को लेकर प्रह्लाद दास और प्रभाकर दास के विरुद्ध न्यायालय में पीसीआर दाखिल कर न्याय की गुहार लगायी है. 15 जनवरी 2015 को मनीष मोबाइल दुकान में प्रह्लाद दास और प्रणव के बीच हो रही बातों को सुन रहा था. उसी समय प्रभाकर व प्रह्लाद ने 5 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की बात कही. पहले 2.5 लाख रुपये की व्यवस्था उसने जमीन बेच कर की और जब नवंबर महीने में नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो रुपये वापस मांगने पर उसने टाल मटोल शुरू कर दी. दबाव दिया, तो उसने चेक काटकर दी, लेकिन वह बाउंस हो गया. तब उसने न्यायालय में पीसीआर दाखिल कर न्याय की गुहार लगायी.