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महिलाओं को मिले उनका हक व अधिकार
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस. आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने रखे विचार, कहा कहते हैं जहां नारी का सम्मान होता है वहां ईश्वर का वास होता है. समाज में नारी के विभिन्न रूपों में दिया गया योगदान अतुलनीय है. दुमका : महिलाओं को उनका हक मिले, यह शासन प्रशासन के साथ समाज के सभी वर्गों को मिलकर […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस. आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने रखे विचार, कहा
कहते हैं जहां नारी का सम्मान होता है वहां ईश्वर का वास होता है. समाज में नारी के विभिन्न रूपों में दिया गया योगदान अतुलनीय है.
दुमका : महिलाओं को उनका हक मिले, यह शासन प्रशासन के साथ समाज के सभी वर्गों को मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए. वी यानी वीमेंस इम्पावरमेंट द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सूचना भवन दुमका के परिसर में आयोजित परिचर्चा में बोलते हुए डीआइजी देव बिहारी शर्मा ने उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि महिलाएं सबल हुई हैं और हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में जया सिन्हा ने कहा कि बस लिंगानुपात में स्त्रियों को पुरुषों के बराबर होने की देरी है. महिलाएं पुरुषों को बहुत पीछे छोड़ जायेंगी. पूनम शुक्ला ने कहा कि हर परिवार और हर पुरुष बेटियों का सम्मान नहीं करेगा, तो बहू कैसे पायेगा. बेटी बचाओ अभियान के शिद्दत से प्रचारित किये जाने की जरूरत है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि आज ही ‘सेव दि गर्ल चाइल्ड कैम्पेन’की शुरूआत दुमका में हुई है.
दुमका का स्त्री-पुरुष अनुपात राज्य औसत से भी कम है. दुमका शहरी क्षेत्र में यह 891 मात्र है. डीसी ने कहा कि हर हाल में सब मिलकर इस सेव द गर्ल चाइल्ड अभियान में हिस्सा लें और अपना सक्रिय योगदान दें. एसपी विपुल शुक्ला ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों को अपने विरूद्ध किसी भी अत्याचार, उत्पीड़न की शिकायत करने में संकोच नहीं करना चाहिए बल्कि आगे आकर शिकायत करनी चाहिए.
महिलाओं के बारे में नजरिया बदलने की जरूरत
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अमरेश कुमार ने तथा न्यायिक पदाधिकारी निशीथ कुमार ने कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी. उप निदेशक जनसंपर्क अजय नाथ झा ने महिलाओं को पढ़ाई फिर अपने रोजगार को प्राथमिकता देने की बात कही तथा कहा कि विवाह उनकी प्राथमिकता में ना हो.
कहा, आज महिलाएं देश से लेकर पूरी दुनियां में अपनी सफलता का परचम लहरा रही है. हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा मिला कर काम कर रही हैं. वहीं अपने नेतृत्व क्षमता से सबको प्रभावित कर रही हैं. जरूरत है आज महिलाओं के प्रति अपनी नजरिया बदलने की. तभी समाज में उनकी सहभागिता और उनके रचनात्मकता का लाभ मिल सकेगा.
सिंहासिनी कुमारी, डॉ प्रमोदिनी हांसदा, नगर पर्षद अध्यक्ष अमिता रक्षित, किरण तिवारी, लता मुर्मू, डॉ बबिता अग्रवाल, अन्नु, सुमिता सिंह, प्रो अंजुला मुर्मू, मेरीलिना मरांडी आदि ने महिलाओं के बढ़ते कदम और चुनौतियों पर अपने विचार रखे. कहा कि महिलाओं का सम्मान और उसके पहचान की लड़ाई में समाज को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है. संचालन अमिता रक्षित ने तथा धन्यवाद ज्ञापन ऋतु गुटगुटिया ने किया.
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