दुमका : जल्द ही उपराजधानी दुमका की सात प्रमुख सड़कों को शहीदों के नाम से जाना जायेगा. दुमका जिले में नक्सली वारदातों में शहीद हुए पुलिस पदाधिकारियों के संस्मरण को बनाये रखने के लिए नगर परिषद जल्द ही इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को लेकर निर्णय ले सकता है. यह प्रस्ताव जिले के पुलिस अधीक्षक विपुल शुक्ला […]
दुमका : जल्द ही उपराजधानी दुमका की सात प्रमुख सड़कों को शहीदों के नाम से जाना जायेगा. दुमका जिले में नक्सली वारदातों में शहीद हुए पुलिस पदाधिकारियों के संस्मरण को बनाये रखने के लिए नगर परिषद जल्द ही इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को लेकर निर्णय ले सकता है. यह प्रस्ताव जिले के पुलिस अधीक्षक विपुल शुक्ला ने नगर पर्षद को दिया है.
नगर परिषद की अध्यक्ष अमिता रक्षित ने बताया कि यह प्रस्ताव उन्हें प्राप्त हुआ है और मार्च के प्रथम सप्ताह में ही होने वाली नगर परिषद की बोर्ड मीटिंग में इस पर निर्णय ले लिया जायेगा. श्रीमती रक्षित ने कहा कि उग्रवादियों से लड़ते हुए जिस तरीके से इन शहीद पुलिसकर्मियों ने वीरगति को प्राप्त किया था, उनके संस्मरण में यह प्रयास बहुत अहम साबित होगी. उन शहीदों के लिए यह नगरवासियों की ओर से एक श्रद्धांजलि भी होगी.
नक्सली हमले में शहीद पुलिसकर्मियों को सम्मान
शहीद : शमशाद अंसारी व सतानंद सिंह के नाम होगा मार्ग
जिन सात शहीद पुलिस कर्मियों के नाम पर सड़कों का नामकरण प्रस्तावित है, उनमें वर्ष 2008 में 26 अप्रैल को नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए शिकारीपाड़ा के तत्कालीन थाना प्रभारी शमशाद अंसारी तथा 10 सितंबर 2010 को शहीद हुए जामा के तत्कालीन थाना प्रभारी सतानंद सिंह के संस्मरण में भी दुमका के प्रमुख पथों का नामकरण किया जायेगा.
शमशाद अंसारी शिकारीपाड़ा के पोखरिया पहाड़ी में शहीद हुए थे. उनके साथ दो काउंस्टेबल भी शहीद हुए थे. वहीं सतानंद सिंह 10 सितंबर को काठीकुंड के तालपहाड़ी में नक्सलियों के खिलाफ मोरचा लेते हुए शहीद हुए थे.