दुमका : बाल कल्याण समिति बेंच ऑफ मिजस्ट्रेट के समक्ष सोमवार को दो बालक ऋ तिक सिंह और मूक बधिर श्रीकांत मरांडी को प्रस्तुत किया गया. 8 वर्षीय ऋतिक सिंह और 15 वर्षीय श्रीकांत मरांडी अपने परिवार से बिछड़ गया था. बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि ऋ तिक के अपहरण का केश दुमका एएचटीयू थाना कांड संख्या 2/16 में 8 फरवरी को भादवि की दफा 363 ए के तहत कराया गया था.
मामला बच्चे की नानी सुमन देवी ने दर्ज कराया था. ऋतिक दुमका के पुलिस लाइन में अपनी नानी व मामा के साथ रहता है. जो आठ फरवरी को स्कूल से लौट कर ट्यूशन पढ़ने निकला था और शाम तक घर वापस नहीं लौटा. घरवालों ने खोजबीन शुरू की, जब कहीं पता नहीं चला तो मामला दर्ज कराया गया. ऋतिक ने बताया कि वह घर से दुमका रेलवे स्टेशन तक पूछते हुए पहुंचा और ट्रेन से जसीडीह के रास्ते दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठ गया.
वह अपनी मम्मी के पास नोएडा जाने के लिए गाजियाबाद जा रहा था. इसी बीच टीटीई ने बच्चे को अकेला देख कर 9 फरवरी को जीआरपी को सुपुर्द कर दिया. जीआरपी ने बच्चे के घर का पता पूछा तो बच्चे ने बताया मेरी दीदी नोएडा के स्कूल में पढ़ती है तब पुलिस ने उस स्कूल में जाकर बच्चे की माता जूली का फोन नंबर प्राप्त कर ऋतिक के मिलने की जानकारी दी. इसके बाद जीआरपी ने बालक ऋतिक को परिजनों को सुपुर्द कर दिया. आहतू थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विष्णुदेव चौधरी ने एसआई ढेना किस्कू के माध्यम के ऋतिक को समिति के समक्ष प्रस्तुत कराया.
बेंच ऑफ मिजस्ट्रेट ने आवश्यक कार्रवाई पूरी करते हुए माता जुली व नानी सुमन देवी को सुपुर्द कर दिया. इधर दूसरा बालक श्रीकांत मरांडी के अपहरण का केश दुमका आहतू थाना कांड संख्या 1/16 में 6 फरवरी को आईपीसी की धारा 363 ए के तहत चचेरा भाई रमेश मरांडी ने दर्ज कराया था. श्रीकांत 2 फरवरी को दुमका के गाँधी मैदान में झामुमो की रैली में आया था और वापस घर नहीं लौटा. इनका घर सिमानीजोर शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में है. वह बालक 9 फरवरी को स्वत: अपने घर पहुँच गया था. बेंच ऑफ मिजस्ट्रेट ने मूक बधिर बालक श्रीकांत को चचेरे भाई रमेश मरांडी को सुपुर्द किया. सुनवाई में समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार यादव, सदस्य सिकंदर मंडल, नूतन बाला, अन्नू , शकुंतला दुबे आदि मौजूद थे.