गोड्डा व देवघर के मधुपुर में भी असर
दुमका/पाकुड़ : मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोरचा के 72 घंटे के झारखंड बंद का दुमका जिले में व्यापक असर देखने को मिला. दुमका को दूसरे जिलों से जोड़ने वाली प्रमुख मार्गो पर परिचालन पूरी तरह बाधित रही. दुमका से न तो एक भी बस किसी दूसरे शहर के लिए खुली और न ही तिपहिया-चौपहिया वाहनों का ही परिचालन हुआ.
दुमका से मध्य रात्रि के बाद न तो पश्चिम बंगाल के सिउड़ी, सैतिया, रामपुरहाट, वर्धमान, बोलपुर, कोलकाता, दुर्गापुर, आसनसोल और मुर्शिदाबाद की ओर और न ही बिहार के बांका, भागलपुर आदि के लिए एक भी बस गयी. डंपर व ट्रक भी इस दौरान सड़कों पर कतारबद्ध खड़ी रही. झारखंड बंद के दौरान जगह-जगह मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोरचा के नेता-कार्यकर्ता व बंद समर्थक हरवे-हथियारों से लैस सड़क पर दिनभर खड़े रहे.
कई स्थानों पर पुरुष की बजाय महिलाओं ने ही बंद का नेतृत्व थाम रखा था. पूरे जिले में लगभग एक दर्जन स्थानों पर बंद समर्थकों ने जाम कर रखा था. बंद को लेकर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को विधि व्यवस्था के लिए तैनात किया गया था.