संवाददाता, दुमकाकल्याण मंत्री डॉ लोईस मरांडी ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता साधु शरण को ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत को दूर करने का निर्देश दिया है. उन्होंने हथियापाथर सहित अन्य दर्जन पंचायतों में बनायी गयी मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाओं की साल-डेढ़ साल में ही बदहाल हो जाने के मामले में आवश्यक जांच कर इसकी खामियों को सुधारते हुए योजना का लाभ सुनिश्चित कराने को कहा है.बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दुमका विधानसभा क्षेत्र के तहत दुमका व मसलिया प्रखंड में ऐसी योजनाओं का शृंखलाबद्ध उद्घाटन किया था, लेकिन उसके बाद एक -एक कर योजनाएं बंद होती चली गयी. इसके निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल इसलिए उठने लगे कि सालभर भी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिला और आज फिर वे चापानल पर निर्भर हो गये हैं. लगभग 22 लाख रुपये की लागत से हथियापाथर और मुखराली में भी जलमीनार बनाकर मिनी पाइप जलापूर्ति चालू की गयी थी. हथियापाथर का तो बोरिंग ही धंस गया, जबकि मुखराली में जो पाईप बिछी, उससे पानी जलमीनार छोड़ कहीं नहीं पहुंचता. जो जलमीनार बना था, वह भी रिस रहा है.———————–फोटो8-दुमका-पानी-हथियापाथर 1/28-दुमका-पानी-मुखराली
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ओके ::::: हथियापाथर सहित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की गयी मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाएं ठप
संवाददाता, दुमकाकल्याण मंत्री डॉ लोईस मरांडी ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता साधु शरण को ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत को दूर करने का निर्देश दिया है. उन्होंने हथियापाथर सहित अन्य दर्जन पंचायतों में बनायी गयी मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाओं की साल-डेढ़ साल में ही बदहाल हो जाने के मामले में आवश्यक […]
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