महिला यौन हिंसा पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
दुमका : यौन हिंसा का शुरुआती दौर में ही प्रतिकार होना चाहिए व उसके बारे में शिकायत भी करनी चाहिए, नहीं तो ऐसी घटना किसी बड़ी घटना का रूप ले सकती हैं.
यह बातें दुमका प्रक्षेत्र के आइजी डॉ अरुण उरांव ने संत तेरेसा बालिका उच्च विद्यालय में आयोजित चाइल्ड एब्यूज व महिला यौन हिंसा के बारे में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि दोषी को सजा नहीं दिलायी गयी, तो वह किसी और के साथ भी अपराध दुहरायेगा. डॉ उरांव ने कहा: हाल के दिनों में पाकुड़, शिकारीपाड़ा, जामताड़ा आदि क्षेत्रों में दुष्कर्म की घटनाओं ने हमें झकझोरा है.
उन्होंने शिक्षिकाओं से अपील की कि वे छात्राओं को अपना ऐसा दोस्त बनायें कि वह अपनी समस्यायें, शंकायें एवं शिकायतें उनसे साझा करें. छात्राओं को उन्होंने हेल्पलाइन नंबर की भी जानकारी दी. छात्राओं से कहा कि वे ऐसी समस्यायें बतायें, नहीं तो ताउम्र वे ग्लानि में जिएंगी. उन्होंने कहा कि शिकायतों पर कार्रवाई होगी और उनकी पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जायेगा.
डीआईजी प्रिया दूबे ने आरटीई के साथ–साथ कई बिंदुओं पर जानकारी दी और बताया कि बच्चियों–युवतियों के साथ कोई भी ऐसा व्यवहार हो, जो उसे अच्छा नहीं लगे, यह जुर्म है. आपत्तिजनक तस्वीर दिखाना, बातें करना, छूना, ईल एसएमएस व ई–मेल भी इसी श्रेणी में आते हैं.
उन्होंने कहा कि कोई भी गलत व्यवहार करे, चाहे वह उनका रिश्तेदार ही क्यों न हो, तुंरत विरोध करें. शिकायत करें. एसपी निर्मल कुमार मिश्र ने भी छोटी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं करने की अपील छात्राओं से की.
कार्यक्रम में जेजे बोर्ड की अध्यक्ष कल्पना हजारिका, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य डॉ सीएन मिश्र, किरण तिवारी, प्रो अंजुला, डीइओ देवीसल हांसदा, डीएसपी अनिल कुमार श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचारों को रखा. मौके पर इंस्पेक्टर इकुड डुंगडुंग, नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद, महिला थाना प्रभारी सलोनी सोय, विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राधाकृष्ण, प्रधानाध्यापका सिस्टर सेलिन, डॉ बबीता अग्रवाल, वंदना श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.