प्रतिनिधि, सरैयाहाटचुनाव के वक्त नेताजी लोक-लुभावन वादे कर चले जाते हैं फिर चुनाव के वक्त ही उन्हें मतदाता की याद आती है. प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर मटिहानी पंचायत के ढोलपहरी गांव में दो दशक से पेयजल का घोर संकट है. जिस पर किसी का ध्यान नहीं है. ढोलपहाड़ी गांव के लोग आधा किलोमीटर दूर एक नदी में गड्ढा खोद कर पेयजल ले जाते हैं. 300 की आबादी वाले इस टोला में मात्र एक चापानल है. उस चापानल में पानी लेने के लिए सुबह से ही भीड़ लगी रहती है. जिससे चापानल का पानी बराबर सूख जाता है. सुखलाल टुडू, सनातन टुडू, रानेश्वर हेंब्रम, गणेश टुडू, लखीराम हेंब्रम आदि ग्रामीणों ने बताया कि राज्य बनने के बाद सड़क बनी थी, वह भी अब टूट-फूट चुकी है. स्वास्थ्य केंद्र भी आठ किलोमीटर दूर है. चुनाव के समय नेता आते हैं और लोक-लुभावन वादे कर हमें भूल जाते हैं.–फोटो-भेजा गया है।
ढोलपहरी को पेयजल नसीब नहीं
प्रतिनिधि, सरैयाहाटचुनाव के वक्त नेताजी लोक-लुभावन वादे कर चले जाते हैं फिर चुनाव के वक्त ही उन्हें मतदाता की याद आती है. प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर मटिहानी पंचायत के ढोलपहरी गांव में दो दशक से पेयजल का घोर संकट है. जिस पर किसी का ध्यान नहीं है. ढोलपहाड़ी गांव के लोग आधा किलोमीटर […]
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