दुमका : मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह मेलर ने कहा है कि पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को लेकर मेलर समाज चुप नहीं बैठेगा. केंद्रित होकर प्रखंड मुख्यालयों में आंदोलन किया जायेगा.
वहीं पोड़ैयाहाट में मोरचा द्वारा उग्र आंदोलन किया जायेगा. इसे लेकर एक -दो दिनों में रणनीति बनायी जायेगी. श्री मेलर ने कहा कि मोरचा ने सभी स्थानों पर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठायी थी. इसके पहले सरकार को ज्ञापन भी भेजा गया था. लेकिन हमारी मांगों की अनदेखी होती रही. बुधवार को जब पोड़ैयाहाट में लाठीचार्ज किया गया तब भी मेलर समाज के लोग शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे थे. पुलिस ने हमारी आवाज दबाने के लिए बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की.
सात साल से मोरचा उठा रही मांग
दामोदर सिंह मेलर ने कहा कि झारखंड में भुईयां, घटवाल, खेतौरी एवं पहाड़ियाओं की स्थिति सरकारी उपेक्षा के कारण बेहद खराब है. राज्य में हमारी आबादी लगभग 60 लाख है. 2006 से ही हम ‘मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोरचा’ के बैनर तले अपनी आवाज उठाते रहे हैं.
पहले भी आवाजें उठती रहीं थी, लेकिन उसे आंदोलन का रूप नहीं दिया गया. श्री मेलर ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल भी भुइयां, घटवाल, खेतौरी एवं पहाड़िया की उपेक्षा करती रही है. यही वजह है कि 1952 के बाद हमें एसटी का दरजा वापस दिलाने का मजबूत प्रयास किसी राजनीतिक दल ने नहीं किया.
इन जिलों में मेलर की आबादी
राज्य के दुमका, गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद, गोड्डा, देवघर, जामताड़ा एवं पाकुड़ जिले में भुइयां, घटवाल, खेतौरी एवं पहाड़िया बसे हुए हैं. उल्लेखनीय है कि 1913 से 1938 तक घटवार जाति को अनुसूचित जनजाति का दरजा प्राप्त था, लेकिन 1950 एवं 1952 की सूची में इसे शामिल नहीं किया गया था. इसका कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया था.
गोली चलाने वाले पर हो कार्रवाई
दामोदर सिंह ने कहा कि पोड़ैयाहाट में हुई में गोली से घायल विधवा तारा को सरकार विधवा पेंशन तो दिला नहीं पायी. मौत दे दी. जिसने भी गोली चलाने का आदेश दिया और जिसने गोली चलायी उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
– लाठीचार्ज में घायल एक महिला की मौत की खबर से उग्र हुए संगठन के नेता