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मशरूम की खेती कर चला रहा जीवन

प्रेरणास्रोत. दोनों आंखों से है दिव्यांग पर मोरबेदिया के संजीव मोहली हौसला है बुलंद 2013 में स्नातक की पढ़ाई की, एक बीमारी में जीवन में लाया अंधेरा सानू दत्ता : सदर प्रखंड अंतर्गत बंदरजोड़ी पंचायत के मोरबेदिया गांव का रहने वाला संजीव मोहली दोनों आंखों से दिव्यांग है. लेकिन उसने जिंदगी से हार नहीं मानी. […]

प्रेरणास्रोत. दोनों आंखों से है दिव्यांग पर मोरबेदिया के संजीव मोहली हौसला है बुलंद

2013 में स्नातक की पढ़ाई की, एक बीमारी में जीवन में लाया अंधेरा
सानू दत्ता : सदर प्रखंड अंतर्गत बंदरजोड़ी पंचायत के मोरबेदिया गांव का रहने वाला संजीव मोहली दोनों आंखों से दिव्यांग है. लेकिन उसने जिंदगी से हार नहीं मानी. बुलंद हौसले के साथ उसने मेहनत की और मशरूम की खेती कर अपने जीवन को रोशन कर रहा है. संजीव ने इंटर तक की पढ़ाई की है. 2013 में स्नातक की पढ़ाई के दौरान एक बीमारी ने उसके जीवन में अंधेरा ला दिया. उसे मेनेजाइस्टीक की बीमरी थी, जिसने उसके दोनों आंखों की रोशनी छीन ली. संजीव बताते है कि जब उसके आंखों की रोशनी गई तो वह पूरी तरह से जिंदगी से हार मान लिया था. एक दिन एक संस्था से उसकी संपर्क हुई. संस्था में कई दिव्यांगों से भी मुलाकात हुई. दिव्यांगों से मिलने के बाद उसे जीने की प्रेरणा मिली.
संजीव बताते है आंखों से नही दिखने के कारण अन्य काम करने में भी काफी परेशानी हो रही थी. इस दौरान उसने दूसरे से मशरूम खरीदकर गांव में ही बेचना प्रारंभ कर दिया. पर इसमें भी उसे परेशानी आने लगी. मशरूम खरीदने और बचने के लिए उसे किसी अन्य का सहारा लेना पड़ता था. तभी वह उसे खरीदकर गांव में घुम घुमकर बेच पाता था. अगर किसी दिन उसे किसी का साथ नही मिलता तो उसे घर पर ही रहना पड़ता था. साथ ही मुनाफा भी कुछ खास नही हो पा रहा था. तब उसने मशरूम की खेती खुद करने की ठानी.

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