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बागडिगी 12 नंबर: भूकंप की आशंका से मची अफरातफरी, बंद चानक का मलबा धंसा
लोदना: बागडिगी कोलियरी के बंद 12 नंबर चानक के मुहाने का मलबा गुरुवार की रात अचानक धंस गया. देर रात करीब 3.15 बजे जोरदार आवाज के साथ भराई वाला हिस्सा भरभरा कर बैठ गया. वहां सात मीटर चौड़ा व्यास का गड्ढा बन गया है. विस्फोट वाली आवाज व कंपन से चानक के आसपास रहनेवालों में […]
लोदना: बागडिगी कोलियरी के बंद 12 नंबर चानक के मुहाने का मलबा गुरुवार की रात अचानक धंस गया. देर रात करीब 3.15 बजे जोरदार आवाज के साथ भराई वाला हिस्सा भरभरा कर बैठ गया. वहां सात मीटर चौड़ा व्यास का गड्ढा बन गया है. विस्फोट वाली आवाज व कंपन से चानक के आसपास रहनेवालों में अफरातफरी मच गयी. लोग गहरी नींद में थे. वे भूकंप आने की आशंका से अचानक घरों से बाहर भाग निकले. जब लोगों की नजर चानक पर पड़ी तो उससे गैस रिसाव हो रहा था. ग्रामीण राजाराम साव व अन्य लोग टाॅर्च लेकर चानक के समीप पहुंचे. देखा कि भराई वाला हिस्सा नीचे धंस गया है.
मुहाने से गैस रिसाव हो रहा है. तब लोगों को सारा माजरा समझ में आया. इसकी जानकारी प्रबंधन को दी. सूचना के बाद शुक्रवार को पीओ एन राय, प्रबंधक यूके मांजी मौके पर पहुंचे. चानक का निरीक्षण किया. धंसे स्थल कर पुन: भराई शुरू करा दी गयी है. चानक के धंसने से आसपास बसी दो हजार की आबादी पर विस्थापन की तलवार लटक गयी है. बागडिगी कोलियरी धौड़ा में 428 परिवार रहते हैं.
पंप की संख्या में की कमी : माइनिंग सेक्टर से जुड़े जानकार लोगों का कहना है कि लोदना क्षेत्र की सभी भूमिगत खदानें बंद हो चुकी हैं. लोदना, जयरामपुर, बरारी, जेलगोड़ा स्थित खदानों में जमा पानी निकालने के लिए पहले छह-छह पंप चलते थे. वर्तमान में एक-दो पंप ही चल रहे हैं. इन खदानों में बागडिगी चानक की गहराई अधिक थी. यह 224.55 मीटर गहरा था. बंदी से पूर्व चानक की सात नंबर सिम से कोयला निकाला गया था. आठ नंबर सिम में डोली उतरती थी. बागडिगी चानक में ही सात नंबर सिम का बैरियर टूटने से दो फरवरी, 2001 को खदान में पानी भर गया था. इसमें 29 कर्मियों ने जल-समाधि ले ली थी.
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