जबकि बड़ी संख्या में जमसं व सिंह मैंशन समर्थक भी जुटे रहे. स्व. सूर्यदेव सिंह और पूर्व विधायक कुंती देवी के पुत्र संजीव सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में नामजद भी हैं. इस बीच शाम को कोयला क्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह ने धनबाद पुलिस ऑफिस में संवाददाता सम्मेलन में नीरज हत्याकांड का राजफाश का दावा किया. मौके पर एसएसपी मनोज रतन चोथे, सिटी एसपी अंशुमान कुमार, डीएसपी डीएन बंका भी मौजूद थे. दूसरी ओर कुसुम विहार में शूटरों को ठहराने वाला डब्लू मिश्रा को भी आज जेल भेज दिया गया.
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21 दिन बाद: वारंट निकला तो संजीव ने किया सरेंडर, गये जेल
धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के 22 वें दिन मंगलवार को झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंह ने सरायढेला थाना में सरेंडर कर दिया. उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके पहले पुलिस ने संजीव को वारंट के आधार पर गिरफ्तारी देने के लिए कहा तो उन्होंने सरेंडर का प्रस्ताव […]
धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के 22 वें दिन मंगलवार को झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंह ने सरायढेला थाना में सरेंडर कर दिया. उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके पहले पुलिस ने संजीव को वारंट के आधार पर गिरफ्तारी देने के लिए कहा तो उन्होंने सरेंडर का प्रस्ताव रखा. कुछ ही घंटे बाद वह सरेंडर करने निकल पड़े. थाना में विधायक का मेडिकल चेकअप कराया गया. इसके बाद सीजेएम आवास ले जाया गया. इस दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था थी.
क्या-क्या बताया डीआइजी ने
मैंशन में रखा गया था हथियार, शूटर वहां भी ठहरे थे, संजीव षडयंत्रकारी : विधायक संजीव सिंह पर चार लोगों की हत्या का षडयंत्र रचने का आरोप है. इस सिलसिले में डब्लू का स्वीकारोक्ति बयान, परिस्थितिजन्य साक्ष्य व टेक्निकल साक्ष्य हैं. संजीव के निजी बॉडीगार्ड संतोष (लखनऊ निवासी) ने शूटरों को धनबाद बुलाया और हथियार उपलब्ध कराये. शूटर बुलाने, शूटर ठहराने और पूरी प्लानिंग की जानकारी विधायक को थी. डब्लू, पंकज व संतोष समेत अन्य शूटरों का लोकेशन कई दिनों तक विधायक के घर ‘सिंह मैंशन’ में मिला है. विधायक इन लोगों के संपर्क में रहे हैं. शूटरों के लिए हथियार भी संतोष ने सिंह मैंशन में रखा था. सिंह मैंशन के उसी कमरे में हथियार रखा गया था जिसमें रंजय रहता था. शूटर पंकज समेत अन्य भी कई दिनों तक मैंशन में ठहरे थे. पंकज व संतोष का विधायक के साथ कई फोटो भी है. विधानसभा चुनाव में भी पंकज धनबाद आकर रहा था. बीते जनवरी में भी पंकज धनबाद आया था. पंकज के साथ दो और शूटरों का नाम व ठिकाना पुलिस को मिल गया है. चौथे शूटर का पता लगाया जा रहा है. शूटर लगातार नीरज की रेकी कर रहे थे. घटनस्थल के आसपास कई दिनों तक निगरानी करते रहे.
संजीव से जुड़े लोगों ने शूटरों को लाने और भगाने में निभायी महत्वपूर्ण भूमिका : समस्तीपुर जिले के उजियारपुर पंचपैका निवासी स्वर्गीय रामप्रीत गिरि के पुत्र मृत्युंजय गिरि उर्फ डब्लू गिरि उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ राकेश मिश्रा उर्फ बाबा ने शूटरों को कुसुम विहार के मकान में किराये पर ठहरवाया था. पिछले दिनों जेल भेज गये विधायक के निजी बॉडी गार्ड धनंजय सिंह उर्फ धनजी, विधायक के अनुसेवक संजय सिंह (स्व. रंजय का भाई) व पिंटू शूटरों के संपर्क में थे. वे शूटरों को ठहराने, लाने व भगाने में शामिल थे. पंकज के संपर्क में संजय व धनजी रहे हैं. पिंटू सिंह ने शूटरों को भगाने का काम किया है.
रंजय की हत्या का प्रतिशोध और नीरज की बढ़ती लोकप्रियता हत्या के कारण : डब्लू ने पुलिस पूछताछ में हत्या के कई कारण बताये हैं. इनमें रंजय की हत्या का प्रतिशोध, नीरज की बढ़ती लोकप्रियता मुख्य हैं. हत्याकांड में शामिल शूटरों व षडयंत्रकारियों ने जालसाजी कर खरीदे गये सीम का उपयोग किया है. इस मामले में भी पुलिस अलग से कार्रवाई कर रही है. रंजय हत्याकांड में रघुकुल से जुड़े नंद कुमार सिंह उर्फ बबलू मामा उर्फ मामा का नाम आया था. मामा फरार है. पुलिस उसे खोज रही है. पुलिस ने तीन पार्ट में केस का अनुसंधान किया है. मेजर पार्ट है प्लानिंग, दूसरा पार्ट हत्या और तीसरा मौका ए वारदात पर मौजूद सहयोगी.
सीबीआइ जांच जरूरी : बच्चा सिंह
धनबाद. संजीव सिंह द्वारा सरेंडर किये जाने के बाद भी पूर्व मंत्री बच्चा सिंह सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े हुए हैं. श्री सिंह ने कहा कि “धनबाद पुलिस की कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं हैं. इस कांड की जांच सीबीआइ से कराने के लिए वह किसी भी स्तर तक जायेंगे. पुलिस कभी भी केस को कमजोर कर सकती है. चार्जशीट में नामजद आरोपी एवं झरिया के विधायक संजीव सिंह को राहत दे सकती है. इसलिए वह सीबीआइ जांच के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे.
पीके सिन्हा ने किया था शूटरों के भोजन का इंतजाम: श्री सिंह ने कहा है कि “बीसीसीएल के पुटकी बलिहारी क्षेत्र से रिटायर कर्मी एवं संजीव सिंह के खास समर्थक पीके सिन्हा ने ही शूटरों के खाने का इंतजाम किया था. जिस घर में शूटरों को ठहराया गया था, वहां से कुछ ही दूर पर पीके सिन्हा का घर है. जितने दिन भी शूटर वहां रहे. उनके खाने-पीने की व्यवस्था श्री सिन्हा ही करते रहे. इस बात की उनके पास ठोस सूचना है.”
अगर राज्य सरकार सीबीआइ जांच की अनुशंसा नहीं करती है तो वे लोग हाइकोर्ट जायेंगे. हत्यारों को छोड़ेंगे नहीं. सीबीआइ जांच से ही इस बात का खुलासा होगा कि शूटरों को कहां से बुलाया गया था? किसने सुपारी दी थी? कौन से हथियार थे? सीबीआइ की चार्जशीट बहुत मजबूत होती है, उसमें किसी के बचने की गुंजाइश नहीं होती.”
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