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12वीं बाद कस्तूरबा की छात्राओं को मिलेगी रोजगारपरक शिक्षा

धनबाद. कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब छात्राओं को रोजगारपरक शिक्षा भी जायेगी. वर्तमान सत्र 2017-18 से ही 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद हर छात्रा को व्यावसायिक शिक्षा/सामान्य शिक्षा से संबंद्ध करने के लिए कार्य योजना बनायी जायेगी. छात्राओं से उनकी रुचि के अनुसार एक प्रोफाइल बनाया जायेगा. इसके बाद आइटीआइ/पॉलिटेक्निक/मत्स्य/दुग्ध/कृषि कॉलेजों में […]

धनबाद. कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब छात्राओं को रोजगारपरक शिक्षा भी जायेगी. वर्तमान सत्र 2017-18 से ही 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद हर छात्रा को व्यावसायिक शिक्षा/सामान्य शिक्षा से संबंद्ध करने के लिए कार्य योजना बनायी जायेगी. छात्राओं से उनकी रुचि के अनुसार एक प्रोफाइल बनाया जायेगा. इसके बाद आइटीआइ/पॉलिटेक्निक/मत्स्य/दुग्ध/कृषि कॉलेजों में नामांकन के लिए तैयारी करायी जा सकती है.

स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा में आइटी/आइटीइएस को प्राथमिकता दी जायेगी, ताकि छात्राओं को बाजार की मांग के अनुरूप सक्षम बनाया जा सके. यह निर्देश विभागीय समीक्षा के क्रम में दिया गया है. मामले में 24 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से फिर से समीक्षा की जायेगी.

डेवलप होगा स्कूल का बैंड : हर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का अब अपना बैंड होगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का निर्देश है कि हर स्कूल में बैंड की स्थापना को लेकर त्वरित कार्यवाही की जाये. हालांकि अधिकांश स्कूलों में पहले से बैंड है, जिसे अब निजी स्कूलों की तरह और डवलप करने की बात कही जा रही है. हर स्कूल में छठी एवं नौवीं कक्षा में नामांकन के लिए सीटों की संख्या को 50 से बढ़ा कर 75 किया जायेगा. जिस गांव में स्कूल है, वहां हर परिवार का प्रोफाइल बना कर यह पता लगाया जायेगा कि कितनी बच्चियां नामांकन योग्य है.
आदिम जनजाति परिवारों की शत-प्रतिशत बालिकाओं का नामांकन होगा. संपन्न परिवार की बच्चियों को ड्राॅपआउट दिखा कर नामांकन लेने की परिपाटी को समाप्त करने का भी निर्देश है.
विभाग के यह भी निर्देश
बीआरपी-सीआरपी को भी टैब : बीआरपी, सीआरपी एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को टैब मिलेगा. इसके लिए अग्रेतर कार्यवाही के लिए सूचना एवं ई-गर्वनेंस विभाग से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है. टैब मिलने के तुरंत बाद प्रशिक्षण दिया जायेगा और इसके लिए भी कार्यवाही का निर्देश है.
स्थापना विद्यालय नहीं बनेंगे केंद्र : मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए स्थापना अनुमति विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जायेगा. 90 प्रतिशत उपस्थिति पर ही विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने मिलेगा.
पारा शिक्षक करायें नामांकन : प्रारंभिक स्कूलों में नामांकन के लिए जिला स्तर पर समाज कल्याण/बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से समन्वय बनाया जायेगा. चार-पांच वर्ष के शत-प्रतिशत बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों से हटा कर केजी में नामांकन कराया जायेगा. केजी पाठ्यक्रम के संचालन में पारा शिक्षक को उत्तरदायी बनाये जायेंगे. खास तौर पर पारा शिक्षिकाओं को प्राथमिकता दी जायेगी.
नहीं होंगे गैर सरकारी कार्यक्रम : स्कूलों में बिना उपायुक्त की अनुमति के किसी तरह के कार्यक्रम/समारोह/उपहार वितरण आदि गैर सरकारी गतिविधि नहीं होंगे, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो.

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