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पैर में डंडा फंसा तब तक पीटा जब तक कि बेहोश नहीं हो गया

प्रशांत सिंह उर्फ मामा ने पीएमसीएच में रोते हुए कहा पुलिस अफसर पीट-पीट कर जबरन कुछ बोलवाना चाह रहे थे धनबाद : पुलिस कस्टडी में इलाजरत प्रशांत सिंह उर्फ मामा के दोनों पैर में काफी दर्द व सूजन है. चलने-फिरने में असमर्थ है. पीएमसीएच में मंगलवार को मेडिकल बोर्ड कराने के बाद प्रशांत को रिम्स […]

प्रशांत सिंह उर्फ मामा ने पीएमसीएच में रोते हुए कहा
पुलिस अफसर पीट-पीट कर जबरन कुछ बोलवाना चाह रहे थे
धनबाद : पुलिस कस्टडी में इलाजरत प्रशांत सिंह उर्फ मामा के दोनों पैर में काफी दर्द व सूजन है. चलने-फिरने में असमर्थ है. पीएमसीएच में मंगलवार को मेडिकल बोर्ड कराने के बाद प्रशांत को रिम्स रेफर कर दिया गया. मेडिकल बोर्ड के बाद स्ट्रेचर पर पड़े प्रशांत ने बताया कि पुलिस 28 मार्च की रात दो बजे छोटे भाई पंकज को घर से पकड़ ले गयी. वह उस समय घर पर नहीं था. भाई के मोबाइल से फोन कर बरवाअड्डा थाना बुलाया गया. बरवाअड्डा थाना से राजगंज थाना ले जाया गया. राजगंज थाना में दीवाल से सटाकर खड़ा कर दिया गया और पिटाई की जाने लगी. पैर में डंडा फंसा दिया गया. कमर के नीचे डंडे से लगातार पिटाई की जाती रही. वह बेहोश होकर गिर गया. होश आने खुद को जालान अस्पताल में पाया.
प्रशांत बोलते-बोलते रोने लगता था. छोटा भाई पंकज गमछा से आंसू पोंछकर चुप करा रहा था. ज्यादा बोलने पर भी प्रशांत दर्द होने की बात कह रहा था. आरोप है कि डीआइजी थाना में मौजूद थे. उनके सामने पिटाई की जा रही थी. डीएसपी सबसे जयादा पीट रहे थे.
गाली-गलौज कर बोला जा रहा था कि बताओ हथियार किसका है? मोनू को हथियार तुमने ही दिया था? इनकार करने पर दोनों पैर में डंडा लगाकर टाना जा रहा था. मारपीट के दौरान वह रोते रहा, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. एसएसपी व एसपी समेत अन्य अफसरों ने भी उसे पीटा. डीएसपी पूछ रहे थे कि मोनू को हथियार कहां से लाकर दिया है? हथियार किसका है? हथियार का कहां-कहां उपयोग हुआ है? वह बार-बार बोलता रहा कि हथियार के बारे में हम नहीं जानते हैं. हमारा हथियार नहीं है. पुलिस अफसर पीट-पीट कर जबरन कुछ बोलवाना चाह रहे थे. इनकार करने पर तीन-चार पुलिस अफसर एक साथ मारपीट रहे थे.
प्रशांत का आरोप है कि पुलिस पिटाई से उसके दोनों पैर ने काम करना बंद कर दिया है. वह पहले से किसी बीमारी से पीड़ित नहीं है. पुलिस ने बहुत पिटाई की है. लगातार पिटाई की जाती रही. थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया गया. अफसर पूछ रहे थे रामधीर सिंह ने सरेंडर कर दिया है. अब शशि सिंह सरेंडर करने वाला है. शशि कब सरेंडर करेगा? शशि कहां रहता है? शशि से मोबाइल पर बातचीत होती है क्या? उसने पुलिस को बताया कि वह कुछ नहीं जानता है. पुलिस अफसर विधायक संजीव सिंह व उनके परिवार के बारे में जानकारी चाह रहे थे. परिवार में कितने लोग हैं? कौन कहां रहता है? किसका क्या कारोबार है?
पिटाई से वह बेहोश हो गया. बहुत बात पूछी जा रही थी. उसे उतनी बातें याद नहीं है. वह और भाई गलत नहीं है. भाई को भी पुलिस ने तीनों दिनों तक हवालात में बंद करके रखा. प्रशांत का कहना है कि उसके चाचा का पैतृक गांव सीवान में मौत हो गयी है. वे लोग मंगलवार को गांव जाने वाले थे. गाड़ी नहीं मिली, बुधवार को गांव जाते. अगर गांव चले गये रहते तो पुलिस कहती भाग गया है. वह अभी छुतका में है. बेवजह उसे केस में फंसाया गया है.
बिना किसी कारण के गलत आरोप में फंसाया और काफी पिटाई की गयी. मारपीट के कारण उसका अंग बरबाद हो गया है. अब देखिए क्या होता है. जालान में डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया था. कई दिनों से पुलिस उसे रोक रखी है. इलाज के लिए बाहर नहीं भेजा रही है. वह हथियार क्यों रखेगा? वह कोई गलत काम नहीं करता है. अपना रोगजार करता है. किसी परिवार का संबंधी होना गलत है क्या?

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