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प्रेमिका की मां के हत्यारे को उम्र कैद
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने अपनी प्रेमिका की मां के हत्यारे जेल में बंद बलियापुर निवासी सरत बास्की को भादवि की धारा 302, 341, 324, 452 में दोषी पाकर उम्रकैद व पैतीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सभी धाराओं की सजा एक साथ चलेगी. सोमवार को […]
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने अपनी प्रेमिका की मां के हत्यारे जेल में बंद बलियापुर निवासी सरत बास्की को भादवि की धारा 302, 341, 324, 452 में दोषी पाकर उम्रकैद व पैतीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सभी धाराओं की सजा एक साथ चलेगी. सोमवार को फैसला सुनाये जाने के वक्त अपर लोक अभियोजक आेम प्रकाश तिवारी भी मौजूद थे.
क्या है मामला : ललिता कुमारी व सरत बास्की के बीच प्रेम प्रसंग था. ललिता की मां उसका विरोध करती थी. 16 सितंबर 15 को ललिता की मां सुरूबाला देवी की हत्या आरोपी ने कुल्हाड़ी से कर दी थी. ललिता ने बलियापुर थाना में कांड दर्ज कराया था.
माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड में मनोज ने दी गवाही
बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड में सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह एसके पांडेय की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने मनोज पांडेय की गवाही करायी. साक्षी मनोज ने अदालत को बताया कि 16 जनवरी 15 को मैं अपने घर पर था. जब मुझे सूचना मिली तब मैं घटनास्थल पर गया. वहां उनका मोबाइल फोन नहीं था. उग्रवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. पुलिस उनके शव को पोस्टमार्टम कराने भेजा. 18 जनवरी 05 को उनका दाह संस्कार किया गया. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक मुकेश कुमार सिन्हा ने साक्षी का मुख्य परीक्षण कराया. विदित हो कि इस केस का मुख्य आरोपी रमेश मंडल उर्फ साकीन दां 9 नवंबर 12 को गिरिडीह कोर्ट में उपस्थापन के बाद जेल जाने के दौरान भाग गया था. वर्तमान में वह गिरिडीह जेल में बंद है. उपभोक्ता फोरम ने दिया भुगतान का आदेश : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्यद्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को संयुक्त रूप से एक आदेश पारित कर परिवादी हीरापुर (धनबाद) निवासी राजेंद्र अग्रवाल के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने विपक्षी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी बैंक मोड़ धनबाद को निर्देश दिया कि वह 2 लाख 19 हजार 509 रुपये परिवादी को साठ दिनों के अंदर भुगतान करे. फोरम ने मानसिक यातना एवं वाद खर्च के रूप में अलग से सात हजार भुगतान करने का आदेश दिया. यदि समय सीमा के अंदर विपक्षी भुगतान नहीं करता है तो उसे साढ़े आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से वास्तविक भुगतान की तिथि तक भुगतान करना होगा.
क्या है मामला : परिवादी की मेडिक्लेम पॉलिसी की अवधि 28.05.14 से 27.05.15 तक लिए वैध थी. 27 जनवरी 15 को वह इलाज कराने के लिए एनएच नारायण हॉस्पिटल बेंगलुरु में भर्ती हुए. इलाज के बाद 4 फरवरी 15 को अस्पताल से छुट्टी पाकर घर लौटे. अस्पताल ने 3 लाख 19 हजार 509 रुपये का बिल दिया. जबकि विपक्षी ने एक लाख रुपये का ही भुगतान किया. शेष रकम 2 लाख 19 हजार 509 रुपये परिवादी को भुगतान करना पड़ा.
विवाहिता से दुष्कर्म में 10 वर्ष कैद की सजा
अनुसूचित जाति की एक विवाहित महिला के घर में घुस कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में सोमवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सैयद मतलूब हुसैन की अदालत ने निरसा थाना क्षेत्र के चांच खुदिया निवासी जेल में बंद राजू मिश्रा को भादवि की धारा 376 व अजा उत्पीड़न के मामले में दस वर्ष की कैद व पच्चीस हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी. एससी एसटी के विशेष लोक अभियोजक समीर सिंह चौधरी अदालत में मौजूद थे. तीन जून 2013 को दिन में पीड़िता के माता-पिता मजदूरी करने के लिए निरसा गये हुए थे. तभी मौका का फायदा उठा कर आरोपी पीड़िता के घर में घूस कर उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया.
विधायक ढुलू महतो समेत आठ का सफाई बयान दर्ज
सड़क दुर्घटना में वकील महतो की मौत के बाद मुआवजा को लेकर सड़क जाम कर अवागमन ठप करने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले की सुनवाई सोमवार को अवर न्यायाधीश सप्तम एसपी ठाकुर की अदालत में हुई. अदालत में बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो, संतोष महतो, विनोद महतो, मानिक महतो, धीरन महतो, सीताराम महतो, मनोज महतो व रावण महतो हाजिर थे. अदालत ने दंप्रसं की धारा 313 के तहत उनका सफाई बयान दर्ज किया. सभी आरोपितों ने आरोप से इनकार किया. अदालत ने बचाव साक्ष्य के लिए अगली तिथि 17 अप्रैल 17 मुकर्रर कर दी. बचाव पक्ष से अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद व नंद किशोर सबिता ने पैरवी की.
खेल मंत्री अमर बाउरी मामले में आवेदन
झारखंड में आर्थिक नाकेबंदी के दौरान भोजूडीह रेलवे केबिन के पास रेलवे ट्रैक को जाम कर रेलवे परिचालन को बाधित करने के मामले की सुनवाई सोमवार को रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी मो उमर की अदालत में हुई. अदालत में सूबे के भू राजस्व व खेल मंत्री अमर बाउरी गैर हाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता सुरेश माली ने एक आवेदन के साथ आरटीआइ के द्वारा मांगा गया मूल दस्तावेज को दाखिल कर प्रदर्श अंकित करने का आग्रह किया.
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