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विधायक संजीव ने ही करायी है नीरज की हत्या
धनबाद : पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने कहा है कि “नीरज सिंह की हत्या राजनीतिक व पारिवारिक है. विधायक संजीव सिंह, मनीष सिंह समेत केस में नामजद पांचों ने मिलकर नीरज समेत चार लोगों की हत्या की है. विधायक संजीव साजिशकर्ता नहीं, हत्यारा है. पुलिस, सीआइडी व एसआइटी जांच पर भरोसा नहीं है. इन एजेंसी […]
धनबाद : पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने कहा है कि “नीरज सिंह की हत्या राजनीतिक व पारिवारिक है. विधायक संजीव सिंह, मनीष सिंह समेत केस में नामजद पांचों ने मिलकर नीरज समेत चार लोगों की हत्या की है. विधायक संजीव साजिशकर्ता नहीं, हत्यारा है. पुलिस, सीआइडी व एसआइटी जांच पर भरोसा नहीं है. इन एजेंसी की जांच विधायक संजीव व अन्य नामजदों को बचाने के लिए है. मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. सीबीआइ जांच में जो भी परिणाम आयेंगे, उसे वह स्वीकार करेंगे.” पूर्व मंत्री शुक्रवार को रघुकुल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. बता दें कि मृतक नीरज सिंह व विधायक संजीव सिंह दोनों ही बच्चा सिंह के सगे भतीजे हैं. बच्चा सिंह ने कहा कि “नीरज की हत्या उनके राजनीतिक व सामाजिक कद के बढ़ने और 2019 के लोकसभा चुनाव को देख कर की गयी है. कतिपय भाजपा नेताओं का इस हत्या में समर्थन है. इसलिए सत्ताधारी दल के विधायक पर कार्रवाई नहीं हो रही है.
हत्या के चार दिन बीत गये, पुलिस कार्रवाई शून्य है.”
गिरफ्तारी की बजाय बढ़ा दी है सुरक्षा, गृहमंत्री से मिलेंगे : श्री सिंह ने कहा कि हत्याकांड में नामजद विधायक समेत पाचों लोगों को गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस ने सिंह मैंशन में सुरक्षा बढ़ा दी है. किसी नामजद के घर तक जाना भी पुलिस ने उचित नहीं समझा. ऐसे में केस की जांच सही नहीं हो सकती है. मुख्यमंत्री रघुवर दास व केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर नीरज हत्याकांड की सीबीआइ जांच की मांग करेंगे. नीरज का किसी से कोई विवाद नहीं था. सबके दुख में खड़ा रहता था. इसलिए उसकी हत्या की गयी है.
पुलिस पर है बचाने का राजनीतिक दबाव : पूर्व मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हत्या को अंजाम देने वाले विधायक व नामजद अन्य लोगों को बचाने का राजनीतिक दबाव है. पुलिस दबाव में काम कर रही है.
एेसे में सीबीआइ ही मामले ही सही जांच कर सकती है. नीरज की हत्या राजनीतिक है, किसी ने बदले की भावना से नहीं की है. कतरास मोड़ से ही धनबाद आने के दौरान नीरज की रेकी की जा रही थी. बस्ताकोला, बैंकमोड़, जेपी चौक व आइएसएम गेट से सरायढेला चूना गोदाम तक पीछा किया गया. सड़क पर स्पीड ब्रेकर इस हत्या को अंजाम देने के लिए ही दबाव देकर बनवाया गया है. पुलिस कार्रवाई करने की बजाय लोगों को इधर-उधर से उठाकर जांच को दूसरे दिशा में मोड़ रही है.
ये थे मौजूद : प्रेस वार्ता में नीरज सिंह के मौसेरे भाई हर्ष सिंह, अरविंद सिंह, सुग्रीव सिंह, मुन्ना सिंह, मल्लू सिंह, सुबोध सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
भइया की बढ़ती हैसियत से संजीव को थी जलन : एकलव्य
प्रेस वार्ता में नीरज सिंह के छोटे भाई व डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह ने कहा कि झरिया विधायक संजीव, अपने भाई मनीष समेत पांच लोगों के साथ मिलकर भईया की हत्या की है. वह प्रशासन को पहले ही अपने भाई व अपने ऊपर खतरा की आशंका की सूचना दे चुके हैं.
सरकारी बॉडीगार्ड की मांग की, लेकिन उनकी नहीं सुनी गयी. भइया नीरज समेत चार लोगों की हत्या के बाद पुलिस विधायक समेत नामजद लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. सभी घर में सो रहे हैं. मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. जनता के सहयोग से वह हत्यारों को कानूनी सजा दिलवायेंगे. मुख्यमंत्री पर भरोसा है, उनसे न्याय की मांग की जायेगी.
जिनके लिए नीरज खड़े रहे, वे अब हमारी मदद करें
एकलव्य ने कहा कि कोयलांचल के लोग जिनके लिए रात हो या दिन नीरज सिंह खड़े रहते थे, वह अब हमारी मदद करें. हत्या की सीबीआइ जांच के लिए रांची-दिल्ली जहां भी चलना हो तैयार रहें. भइया का राजनीतिक, व्यापारिक व सामाजिक कद बढ़ रहा था. वह कोयलांचल का राजनीतिक भविष्य थे. इससे संजीव को जलन हो रही थी. इसलिए बौखलाकर हत्या कर दी.
क्या पुलिस मेरी भी हत्या का भी इंतजार कर रही है
एकलव्य ने कहा कि भाजपा के धनबाद के कुछ लोगों का हत्या में समर्थन है. वह अभी उनलोगों का नाम नहीं लेंगे. केस दर्ज होने के बाद नामजदों पर कार्रवाई नहीं हो रही है. सरकार क्या चाहती है कि चार के बाद पांचवां एकलव्य सिंह की हत्या हो जाये. आशंका है कि पुलिस अब उनकी हत्या का इंतजार कर रही है.
संदेह हम जता चुके थे
एकलव्य ने कहा कि वह अपने भइया व अपने ऊपर हत्या की आशंका कोलेकर डीसी से मिलकर अवगत कराया था. लिखित जानकारी दी गयी थी कि सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी उनलोगों को फॉलो कर रही है.
निगम ऑफिस में उनकी रेकी करने की सूचना थी तो डीएसपी (लॉ एंड ऑडर्र) से शिकायत की थी. डीएसपी ने पुलिस भेज एस्कॉट करा घर पहुंचवाया था. भइया को कोई दिखावा नहीं था. वह तो बिना किसी तामझाम व निजी सुरक्षा के चलते थे. शहर में मेरे भाई की हत्या सरेशाम कर दी गयी. पीएम-सीएम कहते हैं कि लॉ एंड ऑर्डर से कोई समझौता नहीं होगा, तो फिर हत्या करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.
घड़ियाली आंसू बहा रहा संजीव
एकलव्य ने कहा कि संजीव घड़ियाली आंसू बहा रहाहै. चोर भी अपने को कभी चोर नहीं कहता. तो फिर हत्यारा अपने को हत्यारा कैसे कहेगा. चार-चार लोगों की हत्या कर घर में आराम से बैठा हुआ है. रंजय की हत्या से इसका कोई लेना-देना नहीं है. रंजय की हत्या क्यों हुई, वह पुलिस व संजीव बताये. पुलिस ने उनके रघुकुल व धैया के घर में रंजय की हत्या के बाद छापामारी की थी.
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