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10वीं बोर्ड परीक्षार्थी घर ले जाकर भर सकेंगे फॉर्म
धनबाद: सीबीएसइ से 2017 के रजिस्ट्रेशन की तिथि घोषित कर दी है. हर स्कूलों में 9वीं और 11वीं के स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है. जल्द ही सीबीएसइ परीक्षा फार्म भरने की तिथि भी घोषित करेगी. स्टूडेंट्स और अभिभावकों की सुविधा और परीक्षा फार्म में किसी तरह की गलती न हो, इसके लिये […]
धनबाद: सीबीएसइ से 2017 के रजिस्ट्रेशन की तिथि घोषित कर दी है. हर स्कूलों में 9वीं और 11वीं के स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है. जल्द ही सीबीएसइ परीक्षा फार्म भरने की तिथि भी घोषित करेगी. स्टूडेंट्स और अभिभावकों की सुविधा और परीक्षा फार्म में किसी तरह की गलती न हो, इसके लिये बोर्ड ने परीक्षा फार्म घर ले जाने की छूट दिया है. अभिभावक चाहे तो अपने बच्चे का परीक्षा फाॅर्म घर ले जाकर भरने के बाद फिर स्कूल में जमा कर सकते हैं. इसके लिए अभिभावकों दो दिनों का समय दिया जायेगा. सीबीएसइ की मानें, तो पहली बार सीबीएसइ इस तरह की सुविधा अभिभावकों को देगा. सीबीएसइ के अनुसार फिलहाल यह सुविधा 10वीं बोर्ड में शामिल होने वाले परीक्षार्थी को ही मिलेगा.
होती है कई तरह की गलतियां : सीबीएसइ के अधिकारियों की माने तो कई बार गलत परीक्षा फाॅर्म भर जाने से स्टूडेंट्स या अभिभावकों के लिये बहुत ही परेशानी हो जाती है. परीक्षा फाॅर्म भरे जाने के बाद एडमिट कार्ड आने के बाद अभिभावकों को गलतियों की जानकारी मिलती है. ज्ञात हो कि बोर्ड परीक्षा संबंधित गलतियों में सुधार केवल क्षेत्रीय कार्यालय में ही होता है.
इससे अभिभावकों को बोर्ड का लंबा चक्कर लगाना पड़ जाता है. ऐसे में अगर परीक्षा फाॅर्म भरने के समय में ही सावधानी बरती जायेगी तो गलतियां नहीं होगी और अभिभावक परेशान नहीं होंगे. इस कारण बोर्ड ने आराम से परीक्षा फाॅर्म भरने और उसे घर ले जाने की सुविधा दी है.
नाम में सुधार का मौका मात्र एक साल तक : सीबीएसइ ने मार्क्स सीट और सर्टिफिकेट में किसी तरह की गलती होने पर मात्र एक साल तक ही सुधार का मौका देता है. अगर किसी स्टूडेंट्स के मार्क्स सीट या सर्टिफिकेट में नाम में त्रुटि होती है तो ऐसी स्थिति में स्टूडेंट्स को एक साल के अंदर अपने नाम में सुधार करवा लेना है. नहीं तो फिर सुधार का मौका बोर्ड नहीं देता है.
पांच फीसदी रिजल्ट हो जाता है पेंडिंग
कई बार गलत परीक्षा फार्म भरने के कारण स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी पेंडिंग हो जाता है. सीबीएसइ की मानें तो हर साल पांच से सात फीसदी ऐसे रिजल्ट पेंडिंग हो जाते हैं. जब पेंडिंग रिजल्ट को सही किया जाता है तो पता चलता है कि इन स्टूडेंट्स के परीक्षा फाॅर्म में ही गलत जानकारी दी गयी थी. पेंडिंग रिजल्ट को सीबीएसइ तभी सही करता है जब अभिभावक आवेदन देते है. अभिभावकों को इसके लिये आवेदन भर का संंबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करना होता है.
परीक्षा फाॅर्म भरने में एक बार गलती होने से यह बहुत ही परेशानी का कारण बन जाता है. कई जानकारी परीक्षा फाॅर्म भरने के समय स्टूडेंट्स गलत देते हैं. इस कारण इस बार परीक्षा फार्म अभिभावकों को घर लेने जाने की इजाजत दी जायेगी. इस सुविधा से अभिभावकों को बाद में परेशानी नहीं होगी.
राजेश चतुर्वेदी, चेयरमैन, सीबीएसइ
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