बुखार, लूज मशीन के मरीजों से पटे हैं अस्पताल, नर्सिंग होम
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वायरल बीमारियों की चपेट में कोयलांचल
बुखार, लूज मशीन के मरीजों से पटे हैं अस्पताल, नर्सिंग होम धनबाद : पूरा कोयलांचल वायरल बीमारियों की चपेट में है. तेज बुखार, सिर दर्द, पेट खराब जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों से यहां के सरकारी अस्पताल व नर्सिंग होम पटे हुए हैं. मॉनसून के आगाज के साथ ही कोयलांचल में मौसमी बीमारियां घर-घर में […]
धनबाद : पूरा कोयलांचल वायरल बीमारियों की चपेट में है. तेज बुखार, सिर दर्द, पेट खराब जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों से यहां के सरकारी अस्पताल व नर्सिंग होम पटे हुए हैं. मॉनसून के आगाज के साथ ही कोयलांचल में मौसमी बीमारियां घर-घर में दस्तक दे चुकी है. अभी प्राय: घरों में वायरल फीवर या पेट संबंधी रोग से कोई न कोई सदस्य पीड़ित है. इस सीजन में लोग तेज बुखार से पीड़ित हो रहे हैं.
एक बार बुखार चढ़ने के बाद दो से तीन दिन जरूर रहता है. साथ ही खांसी, सिर में तेज दर्द भी होता है. बुखार उतरने के बाद कमजोरी इतनी हो जाती है कि चलने में भी मुश्किल हो जाता है. कई मरीजों को स्लाइन चढ़ाना पढ़ जाता है. इसी तरह लूज मोशन भी ऐसा हो रहा है कि दवाइयां भी बे-असर साबित हो जा रही है. लूज मूशन के अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भरती होना पड़ रहा है.
हांफ रहा पीएमसीएच प्रबंधन : अचानक वायरल बीमारियों के प्रकोप बढ़ने से पीएमसीएच में सर्दी, बुखार की दवाएं भी आउट ऑफ स्टॉक हो गयी हैं. मरीजों को खुद दवाएं खरीदनी पड़ रही है. अस्पताल प्रबंधन अभी दवा क्रय करने की प्रक्रिया में ही फंसा हुआ है. इधर दवा दुकानों में पॉरासिटामॉल, कफ सिरप की बिक्री काफी बढ़ी हुई है.
बचाव पर ध्यान देना ही बेहतर : डॉ ओझा
पीएमसीएच मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ यूके ओझा कहते हैं कि मौसम बदलने के कारण इंफेक्शन फैल रहा है. वायरल बुखार छुआ-छूत जैसी बीमारी है. सर्दी, बुखार से पीड़ित लोगों के संपर्क में नहीं रहें. बारिश में भींगने से बचें. बुखार होते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह ले कर दवाएं लें. वैसे इस बीमारी से बचने के लिए सतर्कता पर फोकस करना ही बेहतर है.
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