जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह बीमारी के लक्षण, उसकी स्थिति, आपके वजन, मात्रा आदि को ध्यान में रखकर दवाएं व एंटीबायोटिक देते हैं. किसी भी बीमारी में झट से एंटीबायोटिक नहीं लेना चाहिए. कुछ झोला छाप डॉक्टर व दुकानदार ऐसा करते हैं. सबसे बड़ी परेशानी लोगों के खुद से दवा लेने की आदत है.
दवाओं के अपने-अपने फायदे हैं, तो उसके साइड इफेक्ट्स भी हैं. हल्की बुखार में लोग खुद से दवा लेकर खा लेते हैं, लेकिन बुखार होने के कई कारण हो सकते हैं. अभी हम जो एंटीबायोटिक दवा खा रहे हैं, वह पांच से दस वर्ष पुरानी है. इस कारण बैक्टीरिया ने अपने रेजिस्टेंस को बढ़ा लिया है. नयी एंटीबायोटिक पर रिसर्च चल रहा है. इसे आने में पांच वर्ष लग सकते हैं.”