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धनबाद के 55 प्रतिशत लोग खाते हैं खुद से दवा

धनबाद. डॉक्टरों की मानें तो धनबाद कोयलांचल में तेजी से लोग मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) से पीड़ित हो रहे हैं. धनबाद के जानेमाने फिजिशियन डॉ जीएन सिंह बताते हैं कि “दवाओं के अनावश्यक प्रयोग से होने वाले प्रभाव से ग्रसित मरीजों के लिए पूरी दुनिया में मात्र 4-5 दवाएं हीं हैं, जिससे रेजिस्टेंस को रोका […]

धनबाद. डॉक्टरों की मानें तो धनबाद कोयलांचल में तेजी से लोग मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) से पीड़ित हो रहे हैं. धनबाद के जानेमाने फिजिशियन डॉ जीएन सिंह बताते हैं कि “दवाओं के अनावश्यक प्रयोग से होने वाले प्रभाव से ग्रसित मरीजों के लिए पूरी दुनिया में मात्र 4-5 दवाएं हीं हैं, जिससे रेजिस्टेंस को रोका जा सकता है. यदि इन दवाओं से रेजिस्टेंस कम नहीं हुआ, बैक्टीरिया (जीवाणु) नहीं मरे, तो इसके बाद वर्तमान समय में मेडिकल साइंस के पास कोई दवा नहीं बचेगी. इसे एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) या सुपरबग कहते हैं.

जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह बीमारी के लक्षण, उसकी स्थिति, आपके वजन, मात्रा आदि को ध्यान में रखकर दवाएं व एंटीबायोटिक देते हैं. किसी भी बीमारी में झट से एंटीबायोटिक नहीं लेना चाहिए. कुछ झोला छाप डॉक्टर व दुकानदार ऐसा करते हैं. सबसे बड़ी परेशानी लोगों के खुद से दवा लेने की आदत है.

दवाओं के अपने-अपने फायदे हैं, तो उसके साइड इफेक्ट्स भी हैं. हल्की बुखार में लोग खुद से दवा लेकर खा लेते हैं, लेकिन बुखार होने के कई कारण हो सकते हैं. अभी हम जो एंटीबायोटिक दवा खा रहे हैं, वह पांच से दस वर्ष पुरानी है. इस कारण बैक्टीरिया ने अपने रेजिस्टेंस को बढ़ा लिया है. नयी एंटीबायोटिक पर रिसर्च चल रहा है. इसे आने में पांच वर्ष लग सकते हैं.”

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