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डिप्टी मेयर के खिलाफ कोर्ट में अभियंता ने दर्ज कराया बयान

धनबाद: धनबाद नगर निगम के अभियंता अरुण कुमार सिंह को सरकारी कार्य में बाधा डालने, धमकी देने, रंगदारी मांगने व अपहरण के मामले में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह का बयान 164 के तहत दर्ज कराया गया है. बैंक मोड़ थाना […]

धनबाद: धनबाद नगर निगम के अभियंता अरुण कुमार सिंह को सरकारी कार्य में बाधा डालने, धमकी देने, रंगदारी मांगने व अपहरण के मामले में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह का बयान 164 के तहत दर्ज कराया गया है. बैंक मोड़ थाना में दर्ज मामले के अनुसंधानकर्ता एसआइ अशोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में एक आवेदन देकर सूचक का बयान दर्ज कराने का आग्रह किया. अदालत के अादेश के बाद न्यायिक दंडाधिकारी विमल जॉसन करकेट्टा की अदालत ने अभियंता का बयान दर्ज किया.
कार्यपालक अभियंता ने प्राथमिकी में लिखित तथ्यों के संबंध में अदालत को बताया. अभियंता ने अदालत में कहा कि एक जुलाई को डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह के प्रतिनिधि राज आनंद सिंह ने फोन कर पूर्व में किये गये कार्य में दो प्रतिशत की राशि की व्यवस्था हो जाने के बारे में पूछा. कहा कि बैंक मोड़ निगम कार्यालय के गेट पर डिप्टी मेयर गाड़ी में बैठे हैं जाकर मिलें. वह गेट पर गये तो डिप्टी मेयर व उनके प्रतिनिधि ने अपनी गाड़ी में बैठा लिया.

गाड़ी में बैठाकर ओवरब्रिज, गया पुल, बेकारबांध, बरटांड़ होते हुए धैया ले गये. गाड़ी में डिप्टी मेयर ने पिस्टल सटा दी. कहा कि तुम्हारे चलते दो लााख रुपये की क्षति हुई है. पैसे मांगे. वह भयवश पैसे देने को तैयार हो गये. आगे के कार्य में भी दो प्रतिशत रंगदारी देने की बात स्वीकार कर ली. पैसे नहीं मिलने पर जान मारने की धमकी दी. डिप्टी मेयर खुद चनचनी कॉलोनी में गाड़ी से उतर गये अौर प्रतिनिधि को कहा कि इन्हें ऑफिस छोड़ आओ. गाड़ी से उन्हें ऑफिस छोड़वा दिया. वह काफी भयभीत थे. बैंक मोड़ थाना में तीन जुलाई को घटना के संबंध में शिकायत कर एफआइआर दर्ज करायी है.

वारंट पर नहीं था गवाह का हस्ताक्षर : अनुसंधानकर्ता अशोक कुमार सिंह ने कोर्ट में डिप्टी मेयर एकलव्य व उनके प्रतिनिधि राज आनंद सिंह का गिरफ्तारी वांरट वापस लेने व इश्तेहार जारी करने का आग्रह किया. अनुसंधानकर्ता ने कोर्ट को कहा कि अभियुक्त गिरफ्तारी के भय से फरार चल रहे हैं. कोर्ट ने पाया कि दोनों के वारंट पर गवाह का हस्ताक्षर नहीं है. वारंट की वापसी गवाह के हस्ताक्षर कर होनी चाहिए जिसमे उल्लेख हो कि उनके समक्ष छापामारी हुई और अभियुक्त नहीं थे. पुलिस मंगलवार को वारंट गवाहों के हस्ताक्षर करा वापस करेगी और इश्तेहार मांगेगी. विदित हो कि कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह ने बैंक मोड़ थाना में कांड संख्या 115/16 भादवि की धारा 364 (ए), 387, 353, 34 के तहत दर्ज कराया था. मामले में डिप्टी मेयर व उनके प्रतिनिधि नामजद हैं.
एकलव्य ने लगायी डीआइजी और एसएसपी से न्याय की गुहार
इधर आरोपी डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह ने डीआइजी व एसएसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. डिप्टी मेयर ने आवेदन में कहा है कि साजिश के तहत अभियंता ने झूठे मुकदमे में उन्हें फंसाया है. डिप्टी मेयर ने अभियंता पर भ्रष्ट अफसरों व मनचाहे संवेदकों को लाभ पहुंचने के लिए षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है. डिप्टी मेयर की ओर से उनके परिचित ने डीआइजी व एसएसपी के ऑफिस में आवेदन पहुंचाया है. आवेदन में एलइडी की लाइट की निविदा में गड़बड़ी कर एक कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. इस संबंध में कोयला क्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह ने कहा : धनबाद के डिप्टी मेयर एकलव्य की ओर से जांच के लिए आवेदन आया है. पुलिस ने डिप्टी मेयर के खिलाफ दर्ज केस में गिरफ्तारी वारंट हासिल कर लिया है. पुलिस एकलव्य को गिरफ्तार करेगी.

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