धनबाद. कोयला मंत्री पीयूष गोयल को मंगलवार को कई मजदूर संगठनों ने ज्ञापन सौंपा. जबकि मंत्री के आगमन के विरोध में बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने काला बिल्ला लगाया. धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ(गोपाल गुट) ने मंत्री को 27 सूत्री ज्ञापन दिया, जिसमें दसवां वेतन समझौता जल्द कराने, कोयला चोरी रोकने, पुराने वाहनों को नीलाम करने, […]
धनबाद. कोयला मंत्री पीयूष गोयल को मंगलवार को कई मजदूर संगठनों ने ज्ञापन सौंपा. जबकि मंत्री के आगमन के विरोध में बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने काला बिल्ला लगाया. धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ(गोपाल गुट) ने मंत्री को 27 सूत्री ज्ञापन दिया, जिसमें दसवां वेतन समझौता जल्द कराने, कोयला चोरी रोकने, पुराने वाहनों को नीलाम करने, सेफ्टी पर विशेष जोर देने का आग्रह किया गया है.
ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष सत्यनारायण पंडित, कार्यकारी अध्यक्ष रामनगीना यादव, महामंत्री गोपाल प्रसाद, मंत्री चंद्रेश्वर भगत आदि शामिल थे. हिंद मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव डीपी लाला ने मंत्री को दिये ज्ञापन में कहा है कि दसवें जेबीसीसीआइ में श्रमिकों को प्रतिनिधित्व दिया जाये. 10 हजार पेंशन दिया जाये. फीमेल वीआरएस के तहत बेटी को भी नियोजन दिया जाये.
आरएंडआर पालिसी में सुधार की मांग : इधर, विधायक ढुलू महतो ने भी मंत्री को ज्ञापन देकर आरएंडआर पालिसी में सुधार की मांग की है. ज्ञापन में लिखा है कि वर्तमान पालिसी के तहत रैयतों को मुआवजा लेना लोहे का चना चबाने जैसा है. पहले जमीन के बदले बहुल संख्या में नियोजन मिलता रहा है, पर वर्तमान में इक्के-दुक्के रैयतों को ही नियोजन मिल रहा है.
जिटा ने ज्ञापन में नौ सूत्री बातों पर ध्यान आकृष्ट कराया : झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (जिटा) के प्रतिनिधमंडल ने कोयला मंत्री को मंगलवार को यहां ज्ञापन दिया. प्रतिनिधिमंडल में शामिल अध्यक्ष केदार नाथ मित्तल एवं राजीव शर्मा ने ज्ञापन में नौ सूत्री बातों पर ध्यान आकृष्ट कराया है.
इसमें कहा गया है कोयला राजधानी का तगमा प्राप्त होने के बावजूद आज यहां का हार्ड कोक एवं काेयला पर आधारित अन्य उद्योगों की हालत अच्छी नहीं है. चीन से आयातीत कोयला के सस्ते होने से यहां के उद्योगों पर बंदी का खतरा उत्पन्न हो गया है तथा अप्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों लोगों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है. स्टील उद्योग को बचाने के लिए सस्ती बिजली एवं सस्ता कोयला देने, इंडस्ट्रियल फीडर अलग से बहाल करने आदि मांगें की गयी हैं.