धनबाद: मेसर्स आमा फ्यूल प्राइवेट लिमिटेड अशोक नगर (धनसार) के निदेशक रामेश्वर दयाल अग्रवाल ने बुधवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एसके पांडेय की अदालत में टाटा स्टील जामाडोबा के महाप्रबंधक, टाटा स्टील मेटल जंक्शन लिमिटेड साल्ट लेक कोलकाता व उसके निदेशक समेत चार के खिलाफ साजिश के तहत ई-ऑक्शन को रद्द कर जमा राशि को वापस नहीं करने का सीपी केस दर्ज कराया. अदालत ने सुनवाई के बाद केस अभिलेख को विचारण के लिए न्यायिक दंडाधिकारी एमके प्रजापति की अदालत में भेज दिया.
श्री अग्रवाल ने अपने सीपी केस में कहा है कि टाटा स्टील जामाडोबा प्रबंधन ने 20 सितंबर 13 को पांच सौ मिट्रिक टन सिगरिगेटेड झांवा की आपूर्ति के लिए ई-ऑक्शन आदेश निकाला था. उसमें मेसर्स आमा फ्यूल लिमिटेड ने भी भाग लिया था. उन्होंने 3620 रुपये प्रति टन की दर से 20 लाख 17 हजार 9 सौ 51 रुपये का चेक एक्सिस बैंक के मार्फत जमा किया था. अरनेस्ट मनी एक लाख रुपया भी जमा किया था. आरोप है कि बाद में आरोपियों ने एक साजिश के तहत धोखा धड़ी कर ई-ऑक्शन आदेश को रद्द कर दिया और शिकायतकर्ता को झांवा की आपूर्ति नहीं की और न ही उसके द्वारा जमा की गयी राशि को वापस किया. यह मामला सीपी केस 113/14 भादवि की धारा 406, 420, 403, 120 बी से संबंधित है.
मुआवजा का मामला कोर्ट भेजा : न्यायिक दंडाधिकारी दयाराम की अदालत के आदेश पर गोविंदपुर पुलिस ने बुधवार को जिला भू-अजर्न पदाधिकारी उदय कांत पाठक, मोहम्मद मोइनुद्दीन अंसारी, कमरूद्दीन अंसारी, हमीद मियां, कसमल्ली मियां, मसुद अंसारी, कालाचंद मंडल व पशुपतिनाथ मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अदालत में विचारण के लिए भेज दिया. 23 नवंबर 13 को गोविंदपुर के पाथुरिया गांव के रहने वाले जलील अंसारी ने अदालत में आरोपियों के खिलाफ सीपी केस दर्ज कराया था. अदालत ने उसे जांच कर कांड दर्ज करने के लिए गोविंदपुर थाना को भेज दिया था. जलील का आरोप है कि गोविंदपुर-साहिबगंज सड़क के लिए मौजा नंबर 157, खाता नंबर 68, प्लाट नंबर 333, 396, 480, 552,553, 1830, 1838, 1959, 1997 की जमीन अधिग्रहीत की गयी है. 480 नंबर प्लाट को छोड़ कर शेष प्लाटों में एक तिहाई हिस्सा उसका है. पदाधिकारियों से मुआवजा राशि के लिए संपर्क किया. पर मुआवजा नहीं मिला.