रांची : धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने आज प्रश्नकाल के दौरान धनबाद में कोयलांचल विश्विद्यालय के स्थापना की बात कही. इस संदर्भ में सीएम रघुवर दास ने कहा झारखंड आंदोलन के बड़े नेता स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो के नाम पर कोयलांचल विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेंगी. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी से बातचीत हो चुकी है.
गौरतलब है कि कोयलांचल विश्वविद्यालय बनाने की मांग कई दिनों से चल रही थी. मुख्यमंत्री के इस घोषणा से धनबाद वासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. भाजपा कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर इस फैसले का स्वागत किया.
पहले भी उठ चुकी है मांग
रांची विवि अंतर्गत कॉलेजों की अधिकता को देखते हुए कभी कोयलांचल तो कभी विनोद बिहारी महतो के नाम पर विश्वविद्यालय खोलने की मांग होती रही है. 1984 में वनांचल आंदोलन के दौरान सबसे पहले यह मांग बोकारो के विधायक समरेश सिंह के नेतृत्व में गोविंदपुर आरएस मोर कॉलेज से हुई थी. उस समय उत्साह के महौल में हजारों छात्रों का जुटान आरएस मोर में हुआ. विद्यार्थियों के कड़े तेवर को अनियंत्रित होते देख पुलिस ने लाठी-गोली तक चलायी. घटना में केंदुआ निवासी एक छात्र पुलिस की गोली का शिकार हो गया जब कि दर्जनों घायल हुए. बाद में राजनीति के तहत उक्त छात्र के परिजन को मुआवजा देकर मामला को शांत कराया गया लेकिन उसके बाद आंदोलन थम गया.
आंदोलन थमने का लाभ हजारीबाग ने उठाया : धनबाद में विवि का आंदोलन थमते हीं हजारीबाग ने इसका लाभ लेते हुए हजारीबाग में विवि मांग उठाना शुरू किया. उस समय जीत हजारीबाग की हो गयी 1992 में बिहार की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री जगन्नाथ महतो ने हजारीबाग मे विनोबा भावे विवि तथा दुमका में सिदो-कान्हू विवि की न केवल घोषणा की बल्कि उसे खुलवा भी दिया. फिर क्या था धनबाद में विवि की मांग आठ साल के लिए बिल्कुल ही थम गयी.
वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य की घोषणा के बाद डॉ.आरपी वर्मा ललित, डॉ. शिवनारायण सिंह शिवेश, वरिष्ठ पत्रकार सतीश चंद्रा तथा ब्रह्मदेव सिंह शर्मा (दोनों अब स्वर्गीय) तथा बाबूलाल मरांडी, डॉ. एनके अम्बष्ठा ने एक बार फिर धनबाद में विवि खोलने की मांग जोरदार ढंग से उठायी तथा आंदोलन की चिनगारी फिर भड़क गयी. 2006 में धनबाद में विवि खोलने की मांग को लेकर छात्र, बुद्धिजीवी, कॉलेज शिक्षक धरना प्रदर्शन व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से आंदोलन तेज कर दिया. इधर विवि का नाम शिक्षाविद् विनोद बिहारी महतो के नाम खोलने का मामला भी जोर पकड़ा. लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इसमें चूंकि वैसी दिलचस्पी दिखायी इसलिए सरकारी स्तर पर मामला दबा रहा. पूर्व हेमंत सरकार में भी धनबाद में विवि की घोषणा हुई थी लेकिन बात सिर्फ हवा-हवाई बन कर रह गयी.
रूसा में अस्वीकृत हो चुकी है प्रस्ताव : जनप्रतिनिधियों के दवाब पर हाल में तकनीकी व उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत इसकी स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा था लेकिन वह अस्वीकृत हो गया.
फिर से पहल की कोशिश : धनबाद के विधायक राज सिन्हा, जिनके चुनावी एजेंडा में विवि की मांग थी, ने रूसा में प्रस्ताव अस्वीकार होने के बाद एक बार फिर सरकार पर इसके लिए दवाब बनाया. उन्होंने सरकार को बताया कि विवि के लिए निरसा में भूमि भी चिन्हित हो चुकी है. प्रतिक्रिया में विधान सभा में मुख्यमंत्री ने नाम का विवाद मिटाते हुए धनबाद में विनोद बिहारी कोयलांचल विवि खोलने पर पुनर्विचार का प्रस्ताव भेजने की घोषणा की है.
क्या है विभावि की संरचना : वर्तमान में विभावि अंतर्गत कुल 19 अंगीभूत कॉलेज, 41 संबद्ध कॉलेज 28 बीएड कॉलेज, 5 इंजीनियरिंग कॉलेज, 4 लॉ कॉलेज, 1 मेडिकल कॉलेज, 22 विषय में पीजी की पढ़ाई हजारीबाग में तथा 15 विषय में धनबाद में होती है.
विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि में क्या होगी संरचना : धनबाद, बोकारो तथा गिरिडीह जिले को मिलाकर धनबाद में विवि खुलना है.
इसके तहत 13 अंगीभूत कॉलेज, 22 संबद्ध कॉलेज, 17 बीएड कॉलेज, 2 लॉ कॉलेज, 1 मेडिकल कॉलेज, 3 इंजीनियरिंग कॉलेज, 15 विषय की पढ़ाई पीजी में( जिसमें 13 पीके राय में 1 एसएसएलएनटी मे तथा 1 आरएसपी कॉलेज झरिया) होती है.
क्या होगा लाभ :
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, छात्रों को नजदीक में विवि की तमाम संसाधन उपलब्ध होंगे, निर्धन छात्र-छात्राओं कम खर्च पर बेहतर शिक्षा मिल सकेगी , सिनियर शिक्षकों को प्रोन्नति का बेहतर लाभ मिल सकेगा.