धनबाद : आइएसएम में नौ फरवरी से केंद्रीय मानव संसाधन विभाग के सौजन्य से आयोजित मदन मोहन मालवीय नेशनल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत शिक्षण कौशल का प्रशिक्षण ले रहे हैं. प्रशिक्षु शिक्षकों से प्रभात खबर ने बातचीत की. शिक्षकों की सर्वसम्मत राय थी कि बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ योग्यता पर्याप्त नहीं. प्रशिक्षण में अध्यापन कला (पेडेगॉगी) का गुर सीखने का मौका मिल रहा है.
धनबाद सहित पूरे झारखंड में उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों के लिए एक बेहतर अवसर है. इस प्रोग्राम में न केवल आइएसएम, बल्कि देश के कोने-कोने से प्रसिद्ध उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थान के एक्सपर्ट शिक्षकों से अध्यापन कला सिखा रहे हैं. रांची से आये प्रवीण कुमार, आरबीएस कॉलेज बोकारो के व्याख्याता कामाख्या नारायण सिंह ने भी प्रशिक्षण को संतोषजनक बताया.
खुद तनाव से बचें, तब दें दूसरे को राहत : डॉ पाठक
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत क्लास के दौरान डॉ. प्रमोद पाठक ने कहा कि शिक्षक जब तक खुद तनाव प्रबंधन के बारे में नहीं जानेंगे, स्टूडेंट्स को तनाव से कैसे राहत दिलायेंगे. स्टूडेंट बेस्ड एडुकेशन पर चर्चा के दौरान श्री पाठक ने बताया कि बेहतर संप्रेषण के जरिये प्रभावशाली शिक्षा दी जा सकती है. उन्होंने दोतरफा संप्रेषण (टू वे कम्युनिकेशन) पर बल दिया. उन्होंने अध्यापन की प्रमुख भूमिका में विद्यार्थियों को प्रेरित कर सीखने के लिए एकलव्य का उदाहरण दे मानसिक रूप से तैयार करने पर जोर दिया.