जबकि लेबर रूम में आवश्यक उपकरण व अलग से बेड भी मौजूद है. सीजर करने के लिए नि:श्चेतना के दो डाॅक्टर को भी एसएलएनटी अस्पताल में दो वर्ष पहले प्रतिनियुक्त किया गया था. वे चिकित्सक भी अभी पीएमसीएच में ही सेवा दे रहे हैं. यह हाल तब है जब सरकार का संस्थागत प्रसव पर जोर है और इसके लिए जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं.
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विडंबना: केंद्र व राज्य सरकार दे रही है संस्थागत प्रसव पर जोर और अस्पताल से लौटायी जा रहीं महिलाएं
धनबाद: सरकार ने मार्च 2015 में एसएसएलएनटी अस्पताल को पूर्ण रुप से चलाने का दावा किया है. अभी अस्पताल में स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में तीन डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गयी है. तीन नर्स के साथ कुछ फोर्थ ग्रेड स्टाफ को भी अस्पताल में भेजा गया है. लेकिन इसके बावजूद प्रसव के लिए आने […]
धनबाद: सरकार ने मार्च 2015 में एसएसएलएनटी अस्पताल को पूर्ण रुप से चलाने का दावा किया है. अभी अस्पताल में स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में तीन डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गयी है. तीन नर्स के साथ कुछ फोर्थ ग्रेड स्टाफ को भी अस्पताल में भेजा गया है. लेकिन इसके बावजूद प्रसव के लिए आने वाली माताओं को यहां से लौटा दिया जा रहा है. बुधवार को धनसार व मनइटांड़ से आयी दो महिलाओं को यह कह कर लौटा दिया गया, कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है.
अस्पताल में तीन महिला चिकित्सक प्रतिनियुक्त हैं. तीन-चार नर्स को वहां भेजा गया है. कुछ और नर्स वहां भेजी जा रही हैं. इसके बाद दूसरे फेज में कर्मचारियों को वहां भेजा जायेगा.
डा के विश्वास, अधीक्षक पीएमसीएच.
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