धनबाद: चक्रवाती तूफान फैलिन ने मेला संचालकों के सपनों पर पानी फेर दिया. शायद यही कारण है कि दुर्गोत्सव के बाद भी कई जगहों से मेला हटा नहीं है. किसी ने सोचा था कि पूजा की कमाई से बेटी की शादी कर देंगे. किसी ने झूला मरम्मत के सपने संजोये थे.
इसके उलट अब कोशिश बस इतनी है कि कम से कम लागत ही निकल जाये. डीएवी मैदान में जो मेला लगा है उसके लिए पूजा कमेटी को साढ़े तीन लाख रुपये दिये गये.
बकौल मेला प्रबंधक राजकुमार साव, मेला अष्टमी व नवमी दो दिनों के लिए होता है. लेकिन इस साल दोनों दिन बारिश के कारण लोग नहीं आये. हम लोग दुर्गोत्सव की कमाई को साल भर खाते हैं. लेकिन इस बार तो मजदूरों का पेमेंट भी नहीं निकला. भरपाई के लिए 20 अक्तूबर तक मेला चलाने का निर्णय लिया गया है. झूला संचालक राकेश कुमार गोस्वामी ने कहा कि साल भर में जो लोन लेते हैं, उसे दुर्गा पूजा की कमाई से ही अदा करते हैं.
लेकिन फैलिन की मार से हमलोग पूरी तरह टूट गये हैं. मेला प्रबंधन ने कुछ दिन समय दिया है. झूला संचालक दिनेश चंद्र शर्मा के अनुसार दुर्गापूजा हमलोगों के लिए बोनस होता है. लेकिन इस साल तो हमलोग लोन लेने पर मजबूर हो गये. इस मार की भरपाई के लिए जगह-जगह झूला लगाने का निर्णय लिया गया है. ब्रेक डांस संचालक विजय यादव ने कहा कि मेला से डेढ़ से दो लाख की कमाई होती है. लेकिन इस बार तो मजदूरों का पेमेंट के लाले हो गये. तारामाची संचालक गोपाल सिंह ने कहा कि इस बार का मेला सबसे खराब रहा. दुर्गा पूजा की कमाई से परिवार के लिए कुछ करते हैं. लेकिन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया.