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19 दिन में एलबी सिंह के बॉडीगार्ड के खिलाफ वारंट नहीं ले सकी पुलिस

धनबाद: करोड़पति ठेकेदार एलबी सिंह व उसके निजी बॉडीगार्ड अमल थापा के खिलाफ बैंक मोड़ थाना में छह जून को एफआइआर दर्ज की गयी है. जालसाजी व धोखाधड़ी करने,अवैध आर्म्स व गोली रखने का आरोप है. भादवि की धारा 420, 467, 471, 34 भादवि 25 (1-बी)ए /35 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज केस में अमल […]

धनबाद: करोड़पति ठेकेदार एलबी सिंह व उसके निजी बॉडीगार्ड अमल थापा के खिलाफ बैंक मोड़ थाना में छह जून को एफआइआर दर्ज की गयी है. जालसाजी व धोखाधड़ी करने,अवैध आर्म्स व गोली रखने का आरोप है. भादवि की धारा 420, 467, 471, 34 भादवि 25 (1-बी)ए /35 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज केस में अमल थापा व एलबी सिंह नामजद हैं.

कांड के अनुसंधानकर्ता एसआइ एस करकेट्टा की ओर से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. केस दर्ज होते ही पुलिस एलबी व थापा की खोज म ें शिमलाबहाल व झरिया में कई बार छापामारी की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. घटना के 19 दिन बीत जाने के बाद भी कांड के अनुसंधान में पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. अनुसंधानकर्ता अभी तक कोर्ट में थापा के गिरफ्तार वारंट जारी करने के लिए अरजी भी नहीं दे सके हैं. एलबी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर हाइकोर्ट की रोक है. अमल थापा पिता मंगल थापा के स्थायी पता पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी चुआपाड़ा, काली चीनी है. पुलिस यह पता भी सत्यापन नहीं कर पायी है. हथियार के लाइसेंस में स्थायी पते में यह अंकित है.

केस में क्या है आरोप
बैंक मोड़ थानेदार अशोक कुमार सिंह की ओर से प्रतिवेदन में कहा गया है कि बैंक मोड़ में 30 मई को विवाद के बाद एलबी सिंह अपने बॉडीगार्ड अमल थापा व अन्य लोगों के साथ थाना पहुंचे थे. बॉडी गार्ड के पास पिस्टल व कारतूस थे. पूछताछ करने पर उसने अपना लाइसेंस (लाइसेंस नंबर 316/2009) प्रस्तुत किया जो खगड़िया जिला से निर्गत था. एलबी सिंह मारपीट का केस दर्ज कराने के बाद बॉडीगार्ड के साथ घर चले गये. बाद में पता चला कि बॉडीगार्ड का लाइसेंस जाली है. पुलिस टीम के साथ एलबी के घर छापामारी की गयी तो दोनों नहीं मिले, न अमल थापा की पिस्टल का लाइसेंस मिला.

एएसआइ सुनील कुमार सिंह को लाइसेंस की सत्यता जांच के लिए खगड़िया भेजा गया. खगड़िया जिला प्रशासन से छानबीन के बाद पता चला कि लाइसेंस जाली है. जाली लाइसेंस के आधार पर पिस्टल व कारतूस अमल थापा ने रखा था जो लालबाबू सिंह को भी मालूम था. जालसाजी धोखाधड़ी, हेराफेरी कर पिस्टल का लाइसेंस बना अवैध हथियार व गोली रखना गैर कानूनी है. मामले में अमल थापा व लालबाबू दोनों दोषी हैं.

अमल थापा मूलत: नेपाल का रहने वाला है. वह जाली लाइसेंस बनाकर पिस्टल रख रहा था. लाइसेंस को ऑल इंिडया होने का कागजात भी जाली बना लिया था. धनबाद में वह विगत एक वर्ष से था. पहले किसी दूसरे ठेकेदार का बॉडीगार्ड था. एलबी ने बॉडीगार्ड रखने से पूर्व जांच-पड़ताल नहीं की थी. अगर सांसद के भतीजे से विवाद नहीं होता तो मामला सार्वजनिक भी नहीं हो पाता. अब पुलिस के लिए थापा की गिरफ्तारी व आर्म्स बरामदगी चुनौती बनी हुई है.

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