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चिकित्सकों के स्थानांतरण के कारण सदर ओपीडी बंद
धनबाद. जुलाई 2013 में तामझाम के साथ शुरू किया गया कोर्ट मोड़ स्थित सदर ओपीडी अब पूरी तरह से बंद हो गया है. इस कारण यहां आने वाले मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. सरकार के आदेश के बाद यहां प्रतिनियुक्त चिकित्सकों को अपने पदस्थापन वाले जगहों पर भेज दिये जाने से यह […]
धनबाद. जुलाई 2013 में तामझाम के साथ शुरू किया गया कोर्ट मोड़ स्थित सदर ओपीडी अब पूरी तरह से बंद हो गया है. इस कारण यहां आने वाले मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. सरकार के आदेश के बाद यहां प्रतिनियुक्त चिकित्सकों को अपने पदस्थापन वाले जगहों पर भेज दिये जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. ओपीडी जब बंदी के कगार पर था, तब विधायक राज सिन्हा ने विधान सभा में इस बाबत आवाज उठायी थी, लेकिन इसका कोई असर सरकार पर नहीं पड़ा. अंतत: ओपीडी में मरीजों का इलाज बंद हो गया.
तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने किया था उद्घाटन : सदर ओपीडी का उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने जुलाई 2013 में किया था. तब कोर्ट मोड़ से पीएमसीएच का सजर्री व ऑर्थोपेडिक्स विभाग सरायढेला शिफ्ट कर किया जा रहा था. ऐसे में यहां सदर ओपीडी खोला गया. कुछ समय बाद राज्य सरकार ने आदेश दिया कि सभी चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर उन्हें मूल पदस्थापन पर भेजा जाये. इसके बाद यहां प्रतिनियुक्त चिकित्सकों को वापस पदस्थापित जगहों पर भेज दिया गया.
वर्ष 2006 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही ने सदर अस्पताल का शिलान्यास किया था. यहां छह करोड़ की लागत से तीन सौ बेड का अस्पताल बनना है. इसके दो वर्ष बाद स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियरिंग सेल ने काम शुरू किया. लेकिन काम बीच में लटक गया. इससे अस्पताल निर्माण में विलंब होता चला गया. हाल ही में धनबाद आये स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने काम में तेजी लाने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया है.
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