धनबाद: जिले में ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाएं हो रही है. पुलिस महकमा लाचार है. लोग दहशत में हैं. घटनाओं का उद्भेदन नहीं हो पा रहा है.
इसका एक कारण स्थायी एसपी का नहीं होना भी माना जा रहा है. एसपी आरके धान के तबादले के बादस्पेशल ब्रांच के एसपी जतिन नरवाल यहां प्रभारी एसपी के रूप में काम देख रहे हैं. यह पहला मौका है जब धनबाद में किसी स्थायी एसपी की पोस्टिंग नहीं हुई है. जबकि यह झारखंड के संदेदनशील जिलों में है.
इसे माफिया नगरी के रूप में जाना जाता है. यह इलाका आर्थिक अपराधियों का चरागाह है. दो प्रखंड टुंडी और तोपचांची नक्सल प्रभावित है. बिहार के जमाने में धनबाद एसपी के लिए तेज तर्रार आइपीएस की तलाश रहा करती थी. लेकिन झारखंड गठन के बाद स्थितियां बदली. साढ़े बारह वर्षो में यहां 12 एसपी आ चुके हैं.